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अजित सिंह और जयंत चौधरी ने रालोद की मजबूती के लिए भाजपा की तर्ज पर बनाया ये मास्टर प्लान

locationमेरठPublished: Sep 14, 2019 02:41:24 pm

Submitted by:

sanjay sharma

Highlights

रालोद हाईकमान प्रदेश को चार क्षेत्रों में बांटकर देगा पद
मंडल अध्यक्ष पद को खत्म करके क्षेत्रीय अध्यक्ष होंगे
जातिगत के साथ अनुभवी और वफादारों को मौका

 

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मेरठ। 2013 में मुजफ्फरनगर दंगे के बाद अपने वजूद को तलाश रही राष्ट्रीय लोक दल ने 2014 और 2019 लोक सभा चुनाव से सबक लेते हुए ऐसा मास्टर प्लान तैयार किया है, जिसका असर आने वाले दिनों में दिखाई देगा। भाजपा की तरह प्रदेश को चार क्षेत्रों में बांटकर मंडल अध्यक्ष पद खत्म करते हुए क्षेत्रीय अध्यक्ष चुनने का निर्णय लिया गया है और इस पर मेरठ व सहारनपुर मंडलों को मिलाकर बनाए गए हस्तिनापुर क्षेत्र का क्षेत्रीय अध्यक्ष यशवीर सिंह को नियुक्त किया है। इससे पहले वह मेरठ मंडल अध्यक्ष थे। रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजित सिंह व उनके बेटे जयंत चौधरी ने अपनी सियासी जमीन तैयार करने के लिए जो खाका तैयार किया है, उससे रालोद नेताओं व कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह है।
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2014 व 2019 लोक सभा चुनाव और 2017 विधान सभा चुनाव में रालोद की स्थिति बड़ी खराब रही थी। 2017 में छपरौली से विधायक सहंदर रमाला भी भाजपा के खेमे में पहुंच चुके हैं। कैराना उप चुनाव को छोड़ दें तो रालोद के लिए अपनी जमीन तलाशने में खासी दिक्कतें आ रही हैं। रालोद सूत्रों की मानें तो अजित सिंह व जयंत चौधरी ने नए सिरे से पार्टी को संवारने के लिए कई निर्णय लिए हैं। जिसका असर अगले विधान सभा चुनाव में देखने को मिलेगा। साथ रालोद पार्टी में ऐसे लोगों को तरजीह देगा, जो जातिगत समीकरणों के साथ-साथ कर्मठता और वफादारी निभाता हुआ हो। पार्टी के लिए सबसे बड़ी दिक्कतें जाटों व मुस्लिमों को एक मंच पर लाने की रहेगी। मुजफ्फरनगर दंगे के बाद दोनों वर्गों में बढ़ी खाई को पाटने के लिए भी रालोद हाईकमान ने कुछ निर्णय लिए हैं। साथ ही जाटों के साथ-साथ मुस्लिम व अन्य बिरादरियों को भी पार्टी में उचित स्थान देने की बात कही गई है।

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