किसी भी उद्योग का जब हम हिस्सा बनते हैं तब तमाम चुनौतियां एवं बाधाएं सामने आती है और इन चुनौतियों और बाधाओं को पार करके ही हम अपने उद्योग को बड़ा बनाते हैं और इसके लिए अनुभव की जरूरत पड़ती है। आज समाज में कुछ ऐसे दुर्लभ रत्न हैं जिन्होंने अपने वांछित क्षेत्र में काम किया और अपनी मेहनत और लगन के दम पर अपने क्षेत्र में बहुत आगे निकल गए हैं।
कोरोना संक्रमण काल में लगे लॉकडाउन के दौरान बहुत से लोग समाज की मदद के लिए आगे आए। इन्हीं में से एक हैं। राहुल बोरोले। जिन्होंने कोरोना संक्रमण काल में लगे लॉकडाउन में ना सिर्फ लोगों की मदद की बल्कि उनको आगे भी रोजगार दिलवाने में मदद की। आज सैकड़ों लोगों को राहुल बोेरोले अपनी आरबी सोशल मीडिया मार्केटिंग एजेंसी से जोड़े हुए हैं।
राहुल एक सोशल मीडिया मार्केटर है लेकिन साथ ही वह एक सामाजिक कार्यकर्ता और राजनैतिक शख्स के रूप में काम कर रहे हैं। राहुल बोरोले ने जिस समय आरबी सोशल मीडिया मार्केटिंग एजेंसी की स्थापना की। उस दौरान उन्होंने तमाम चुनौतियां एवं बाधाओं का सामना किया। किसी भी उद्योग का जब हम हिस्सा बनते हैं तब तमाम चुनौतियां एवं बाधाएं सामने आती है और इन चुनौतियों और बाधाओं को पार करके ही हम अपने उद्योग को बड़ा बनाते हैं और इसके लिए अनुभव की जरूरत पड़ती है।
मेरठ एक कार्यक्रम में पहुंचे राहुल ने अपने संबोधन में कहा कि अगर कोई व्यक्ति खास करके युवा अगर वह समाज में कोई परिवर्तन लाने को अपना लक्ष्य बनाते है तब उसे निरंतर प्रयास करते हुए हासिल किया जा सकता है।
राहुल ने बताया कि कैसे उन्होंने सोशल मीडिया मार्केटिंग के स्किल को सीखा। इस क्षेत्र मे कुछ समय काम किया फिर अपनी खुद की कंपनी 'आरबी सोशल मीडिया मार्केटिंग एजेंसी' की स्थापना की। इसके साथ ही वह सोशल मीडिया मार्केटिंग के तौर पर भी काम करते हैं और इसके लिए लोकप्रिय हैं। राहुल कहते हैं कि उन्होंने जरूरतमंद लोगों की मदद करने और समाज के विकास में काफी योगदान दिया है। उन्होंने बड़े पैमाने पर समाज में बदलाव लाने के लिए काम किया है।
बचपन में परिवार से मिली इस महान सीख को उन्होंने आत्मसात किया। यह उन्हें एक बेहतर नेक इंसान बनाने में मदद की। राहुल ने कहा कि आप भी अपने शहर की आवाज बन सकते हैं और इसको बुलंदी पर लेकर जा सकते हैं। जैसे कि उन्होंने औरंगाबाद के विकास के लिए लगातार आवाज उठाई। वह चाहते हैं कि शहर में कोई व्यक्ति भोजन, पानी या इस तरह की किसी अन्य दूसरी मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित न रहे। कोरोना वायरस (कोविड 19) महामारी के समय वह और उनकी टीम जरूरतमंद लोगों की बहत मदद की थी। राहुल बोरोले की टीम उदार आत्मा चाहती है कि दूसरे लोग भी उनकी इस अच्छाई को दूसरों तक पहुंचाने मे इसके साथ मिल कर काम करें।