
फौजी की पत्नी हाइवे पर पैदल चलकर समाज को दे रही बेटियों से जुड़ा ये संदेश, अब तक तय किया इतना सफर, देखें वीडियो
मेरठ। 2012 में हुए निर्भया मामले को कौन नहीं जानता। पूरे देश को हिला देने वाले इस कांड ने राजनीतिक हलकों में भी भूचाल ला दिया। उन्हीं दिनों एक आर्मी अधिकारी की पत्नी भी गर्भवती थी। उन्होंने निर्भया कांड के बारे में देखा, सुना और जाना तो वह सहम गई और इस सोच में डूब गई कि हमारे देश में बच्चियां कितनी असुरक्षित हैं। वहीं उन्हें यह डर सताने लगा कि कहीं उनको बेटी हुई तो। अपनी बेटी की सुरक्षा की चिंता भी उनको होने लगी। 2012 में उन्हें बेटी ही हुई और उन्होंने बेटी होने के बाद यह संकल्प लिया कि वे बेटियों की सुरक्षा के लिए समाज को जागरूक करने का काम करेंगी। पेशे से टैक्सटाइल डिजाइनर ये महिला तब से प्रतिवर्ष दिल्ली से बड़े शहरों की दूरी पैदल तय करती हैं उस दौरान उनके दोनों बच्चे उनके साथ होते हैं।
ये महिला लोगों को बेटियों की सुरक्षा और उनको पढ़ाने आगे बढ़ाने का संदेश देती हैं। इसके पति देश की सुरक्षा के लिए सरहद पर तैनात है। बेटियों के लिए आर्मी अफसर की पत्नी का इस साल भी एक और सफर दिल्ली से शुरू हुआ जो कि देहरादून पर जाकर खत्म होगा। 37 साल की प्रतिभा पुंडीर सेंगर देश की बेटियों के खातिर अब दिल्ली के इंडिया गेट से देहरादून तक के सफर पर निकल पड़ी हैं, 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' को और प्रभावी बनाने के लिए वह इस मुश्किल सफर पर कड़ाके की सर्दी में पैदल सड़क के किमी को पीछे छोड़ती जा रही है। उनके साथ हैं उनकी बेटी और बेटा।
रास्ते में मिलने वाले गांव और शहरों में वह महिलाओं और बच्चियों से शिक्षा और महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध जैसे मुद्दों पर बात करती हैं। उन्हें विदेश राज्य मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख ने बीती शुक्रवार सुबह दिल्ली से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस बार उनके इस सफर में पति सेना में तैनात लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष सेंगर आगे आगे अपने दो बच्चों, 11 साल के बेटे और 6 साल की बेटी को लेकर कार से चलेंगे। गाजियाबाद, मोदीनगर, मेरठ के सरधना से मुजफ्फरनगर और सहारनपुर होते हुए देहरादून तक का 281 किलोमीटर का सफर पैदल तय करेंगी।
प्रतिभा इससे पहले अंबाला से दिल्ली, अंबाला से चंडीगढ़ और अंबाला से आगरा का करीब 700 किलोमीटर का सफर पैदल तय चुकी हैं।प्रतिभा का कहना है कि समाज बेटियों से ही है और अगर बेटियां नहीं होंगी तो ये समाज नहीं होगा। इसलिए बेटियों के महत्व को हमें समझना होगा। उनका सम्मान करना होगा। प्रतिभा मूलरूप से सहारनपुर की रहने वाली हैं। उनकी शादी 2004 में आर्मी अफसर मनीष से हुई। प्रतिभा के मुताबिक शादी के बाद उन्होंने आर्मी के अफसरों की पत्नियों के होने वाले सांस्कृतिक और खेलकूद के कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और कई बार अवार्ड भी जीते।
Published on:
19 Dec 2018 01:26 pm
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