
'भाजपाइयों का थाने में घुसना मना है' विवाद ने लिया नया मोड़, पुलिस ने वायरल किया वीडियो
गौरतलब है की बीते दो दिनों से सोशल मीडिया में मेरठ क़ा एक पोस्टर चर्चाओं क़ा विषय बना हुआ है। मेडिकल थाने पर लगे इस पोस्टर में लिखा है की थाने में भाजपा नेताओं क़ा आना मना है। ये पोस्टर सामने आने के बाद से ही बवाल मचा हुआ है। विपक्षी नेताओं क़ा दावा है की भाजपा नेताओं की थाने में दलाली से तंग आकर ही मेडिकल थानाध्यक्ष ने यह पोस्टर लगाया है। खुद मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने इस पर तंज कसते हुए ट्वीट किया है जिसके बाद से प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक भाजपा को खासी शर्मिंदगी क़ा सामना करना पड़ रहा है। जबकि हकीकत कुछ और ही है। असल में यह पोस्टर पुलिस की ओर से नहीं खुद भाजपा नेताओं की तरफ से लगाया गया है।
जानकारी के अनुसार भाजपा के ही कुछ छुटभैये नेताओं ने चर्चा पाने और अपने नंबर बढ़ाने के चक्कर में पार्टी की किरकिरी करा दी। इसकी वीडियो भी वायरल हो रही है। जिसमें भाजपा नेता खुद ही पहले थाने पर नारेबाजी और फिर उक्त पोस्टर लगाते दिख रहे हैं। इन्हीं लोगों ने शास्त्रीनगर और मेडिकल के इलाके में तमाम भाजपा नेताओं के साथ अपने फ्लेक्स लगा रखे हैं। पोस्टर विवाद के बाद भाजपा में ऊपरी स्तर तक नाराजगी जताई जा रही है। बताया जा रहा भाजपा नेताओं की इस हरकत पर शीर्ष नेता खासे नाराज हैं। जिसमें जल्द ही आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
ये था मामला
मेरठ में दुकान के विवाद में मेडिकल थाने पहुंचे भाजपाइयों ने जमकर अराजकता की। पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। घंटों तक हंगामा चला। इस दौरान कुछ लोगों ने थाने के बाहर विवादित पोस्टर भी लगा दिया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। कप्तान के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। उधर, इस मामले में देर शाम पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी ट्वीट किया। इस पूरे मामले में भाजपा के पश्चिमी क्षेत्र के प्रवक्ता गजेंद्र शर्मा का कहना है कि जिन लोगों ने पोस्टर लगाए उनका भाजपा से कोई संबंध नहीं है। पार्टी ऐसे लोगों की जांच अपने स्तर से करवा रही है। आखिर ये लोग कौन थे जिन्होंने थाने में पोस्टर लगाए हैं।
Published on:
28 May 2022 11:02 am
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