
मेरठ। मेरठ के कोतवाली थाना क्षेत्र में दौरे के दौरान एसएसपी मंजिल सैनी दहल ने दबोचे पूर्व सांसद शाहिद अखलाक के निजी सुरक्षाकर्मी के हथियार के लाइसेंस की जांच करवार्इ, तो यह फर्जी निकला। इस खुलासे के बाद देर रात हिरासत में लिए गए सुरक्षाकर्मी के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करके जेल भेज दिया गया है। बता दें कि इसी 13 मार्च की रात एसएसपी मंजिल सैनी दहल कोतवाली क्षेत्र में चेकिंग के दौरान लग्जरी कार में सवार आधा दर्जन हथियारबंद युवकों को दबोचा था। बसपा के पूर्व सांसद शाहिद अखलाक ने युवकों को अपना निजी सुरक्षाकर्मी बताया था।
हथियार लाइसेंस की जांच करार्इ
युवकों से बरामद हथियारों के लाइसेंस पर शक होने पर एसएसपी ने मूल रूप से कश्मीर निवासी बेग हुसैन और अजीम के लाइसेंस कब्जे में लेकर जांच के लिए जम्मू भेजे थे। जम्मू गई मेरठ पुलिस की टीम को राजौरी जिले में बने अजीम के शस्त्र लाइसेंस का रिकार्ड नहीं मिला। इसके चलते वह फर्जी पाया गया। वहीं पुंछ जिले में बना हुसैन का शस्त्र लाइसेंस सही पाया गया। खुलासे के बाद पुलिस ने देर रात आरोपी अजीम को गिरफ्तार कर उसकी 12 बोर की सिंगल बैरल बंदूक कब्जे में ले ली। इंस्पेक्टर कोतवाली यशवीर सिंह ने बताया अजीम के खिलाफ 420, 467, 468, 471 आईपीसी और आर्म्स एक्ट की धारा 79 के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया। उसने फर्जी लाइसेंस कहां से बनवाया, इसकी जांच की जा रही है।
निजी सुरक्षाकर्मियों पर सवाल
इस घटना के बाद जिले भर में ‘माननीयों’ और ‘रसूखदारों’ की सुरक्षा में तैनात निजी सुरक्षाकर्मियों के लाइसेंसी हथियारों पर सवाल खड़े हो गए हैं। सूत्रों की मानें तो यदि सिर्फ कोतवाली क्षेत्र में ही कई ‘माननीयों’ की सुरक्षा में तैनात निजी सुरक्षाकर्मियों के शस्त्र लाइसेंसों की जांच कराई तो शायद एक बड़े ‘खेल’ का खुलासा हो सकता है।
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Published on:
22 Mar 2018 05:30 pm
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