
मेरठ। मेरठ का एमडीए विभाग जिस पर महानगर को सुंदर और विकसित करने की जिम्मेदारी होती है। लेकिन इसी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी ही जब महानगर को बदसूरत बनाने में जुट जाए तो क्या कहें। पिछले एक दशक से महानगर में अतिक्रमण और अवैध निर्माण की बाढ सी आ गई है, लेकिन इतने वर्षों में एमडीए के कर्मठ कर्मचारियों और अधिकारियों ने संपति अभिलेखागार से फाइल तक नहीं निकाली जिससे अवैध निर्माण करने वालों को नोटिस जारी कर सके। एमडीए वीसी साहब सिंह ने संपत्ति अभिलेखागार में छापा मारा। वहां बैठकर फाइलें निकलवाई तो पता चला कि बिल्डरों की अवैध कालोनियों को नोटिस जारी नहीं किए गए हैं। निकलवाई गई फाइलों के ऊपर धूल जमा थी और फाइल के कागज आपस में चिपके हुए थे। देखने से ही पता चल रहा था कि फाइलों को पिछले कई सालों में खोला ही नहीं गया।
इन लोगों की फाइलें दबा दी गई
जिन कालोनियों ने बाह्य विकास शुल्क जमा नहीं किया, बैंक गारंटी का नवीनीकरण नहीं कराया या फिर आंतरिक विकास शुल्क जमा नहीं किया या फिर जिनका चेक बाउंस हो गया उन्हें नोटिस देने के बजाय फाइल दबा दी गई। जिसके कारण बसाई गई कालोनियों में बिल्डर ने कोई विकास कार्य नहीं किया और इन कालोनियों में प्लाट या मकान लेने वाले लोग मूलभूत सुविधाओं के न होने से परेशान रहे। वीसी ने आदेश दिया कि सभी फाइलों की जल्द रिपोर्ट दें, ताकि कालोनी विकसित करने वाले बिल्डरों को नोटिस भेजा जा सके। वीसी वहां एक घंटे तक बैठे रहे और फाइलें निकलवाकर देखते रहे। उन्होंने यह भी कहा कि लिस्ट में यह जरूर लिखें कि पिछली बार नोटिस कब भेजी गई थी। वीसी ने यह कार्रवाई जोनवार शुरू की है। चारों जोन की लिस्ट तैयार होने के बाद उन बिल्डरों को नोटिस भेजी जाएगी, जिनको पिछले 15 साल से नोटिस नहीं भेजी गई थी।
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भूतल से हटेगा अभिलेखागार
एमडीए के भूतल में फाइलें रखने का अभिलेखागार हैं, यहां अधिकाश फाइलें मानचित्र की होती हैं। वीसी ने बताया कि नमी की वजह से इसे ऊपरी मंजिल पर शिफ्ट कर दिया जाएगा। भूतल अब से स्टोर रूम के उपयोग में लाया जाएगा। यहीं नहीं संपत्ति की फाइलें भी अलग रखी जाएंगी।
Updated on:
26 Mar 2018 05:34 pm
Published on:
26 Mar 2018 05:27 pm
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