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इस शख्स ने बना दिया था सैकड़ों लोगों को डाॅक्टर, अब हुआ यह हाल

locationमेरठPublished: Jun 18, 2018 02:15:15 pm

Submitted by:

sanjay sharma

चार महीने से पुलिस आैर एसटीएफ को दे रहा था चकमा

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इस शख्स ने बना दिया था सैकड़ों लोगों को डाॅक्टर, अब हुआ यह हाल

मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के बहुचर्चित एमबीबीएस कापी बदलने के प्रकरण में अधिकारी से कर्मचारी तक सभी की गर्दन फंसी हुई है। इस मामले में फरार चल रहे विश्वविद्यालय के पूर्व कर्मचारी सीपी सिंह ने अदालत में समर्पण कर दिया है। एसटीएफ इस कर्मचारी को मामला उजागर होने के बाद से ढूंढ़ रही थी, लेकिन वह हत्थे नहीं चढ़ा। कोर्ट में समर्पण की जानकारी एसटीएफ के अफसरों को लगी तो वे कचहरी पहुंचे, लेकिन तब तक कोर्ट ने पूर्व कर्मचारी को चौदह दिन के रिमांड पर जेल भेज दिया था। सीपी सिंह को एमबीबीएस काॅपी बदलने का प्रमुख सूत्रधार माना जा रहा है। विश्वविद्यालय के इस गिरोह पर 600 लोगों को एमबीबीएस की कापी बदलकर डाॅक्टर बनाने का आरोप है।
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एसटीएफ ने की लापरवाही

जानकारों की मानें तो इस पूरे मामले में एसटीएफ की अब तक की कार्रवाई में काफी खामियां और लापरवाही उजागर हुई हैं। बीती 17 मार्च को जब एसटीएफ ने इस मामले में कार्रवाई की थी, उस दौरान चार लोगों कपिल, संदीप, पवन और कविराज को गिरफ्तार किया था। इस पूरे कांड का सूत्रधार कविराज और विवि का पूर्व कर्मचारी सीपी सिंह को बताया जा रहा था। ये लोग एमबीबीएस की कापियों को बदलने का काम करते थे। परीक्षाएं होने के बाद विश्वविद्यालय की कापियों को बदला जाता था, बदली हुई कापियां प्रोफेसरों द्वारा लिखी जाती थी। सीपी सिंह विश्वविद्यालय का रिटायर्ड कर्मचारी है और इसके बाद भी विवि उसकी सेवाएं ले रहा था। वह उत्तरपुस्तिका विभाग का इंचार्ज था। बताते हैं कि सीपी सिंह की शह पर ही कोरी कापियां बाहर निकाली जाती थी और उनको लिखवाकर बदल लिया जाता था। एसटीएफ तब से ही सीपी सिंह के पीछे पड़ी हुई थी, लेकिन उसने चकमा देकर एसीजेएम 10 की अदालत में सरेंडर कर दिया।
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