
मेरठ। स्वास्थ्य विभाग दुनिया का हो, हिन्दुस्तान का हो या फिर मेरठ का हो। इस समय कोरोना से निपटने के लिए वही सबसे आगे मोर्चा संभाले हुए है। ऐसे में इन मोर्चों पर कोरोना से दो-दो हाथ कर रहे इन लोगों के परिजनों को भी अपनों की चिंता सता रही है। प्रधानमंत्री के आह्वान पर जनता कफ्र्यू के बाद 21 दिन के लॉकडाउन के आह्वान के बाद सभी अपने घरों में कैद हैं। वहीं जिला अस्पताल में डॉक्टर, नर्स, वार्डबॉय समेत पूरा चिकित्सा विभाग मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी निभा रहा है।
हालांकि अभी तक मेरठ में एक भी कोरोना पॉजिटिव नहीं मिला है, जो मिला भी है वह खुर्जा का रहने वाला है। ऐसे में ये मेरठ के लिए एक राहत की बात है। स्वस्थ विभाग की पूरी टीम जिले में 24 घंटे पूरी मुस्तैदी के साथ तैनात है। जब से लॉक डाउन की घोषणा की गई है, तब से जिम्मेदारी और बढ़ गई है। सीएमओ मेरठ डा. राजकुमार और उनकी टीम की। पूरी मुस्तैदी से जुटे सीएमओ के परिजनों में उनकी पत्नी मीनाक्षी और मां विमला सिंह इस समय मेरठ में ही हैं। जब दोनों से इस परिस्थिति के बारे में बात की तो एक पत्नी और मां का दर्द दिल से बाहर छलक आया।
पत्नी कहती है पूरे देश में कोरोनावायरस के चलते लॉक डाउन है, लेकिन पति तो कोई लॉक डाउन नहीं है। सुबह निकल जाते हैं। देर रात घर आते हैं। वह कहती हैं कि हमको तो चिंता लगी रहती है कि कहीं इनको कुछ न हो जाए। पत्नी मीनाक्षी कहती है रात को भी फोन आते रहते हैं। वह कहती हैं कि हम इनको कहते हैं कि अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखो तभी तो दूसरों का ध्यान रख सकोगे।
जब सीएमओ की मां विमला सिंह से बात की तो वह बोली सबको तो घर के भीतर रहने के लिए कहता है उनका बेटा, लेकिन खुद बाहर बाहर रहता है। उनको भी अन्य मां की तरह अपने बेटे की चिंता रहती है। विमला भी चाहती हैं कि उनका बेटा भी शाम को और लोगों की तरह घर आ जाए। उन्होंने कहा कि जब तक बेटा रात में घर नहीं आ जाता और खाना नहीं खा लेता, वह जागती रहती हैं। उन्होंने कहा कि भगवान जल्दी से इस बीमारी को देश से समाप्त करे। भगवान उनके बेटे की रक्षा करे, जिससे वह कोरोना वायरस से मेरठवासियों की रक्षा कर सके। उन्होंने कहा हम सब घर के लोग इस समय पूरी तरह से अपने बेटे के साथ हैं, जो कोरोना वायरस से बचाने में रात दिन एक कर रहा है।
Published on:
28 Mar 2020 06:43 pm
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