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Chandrayaan-2: बच्चे और बड़े सुबह 5 बजे तक लगाए रहे आस, फिर कही ये बड़ी बात

खास बातें मेरठ में रात 12 बजे से सुबह पांच बजे तक टकटकी लगाए रहे कई क्लबों ने की थी विशेष व्यवस्था, लोग टीवी के सामने डटे रहे भारतीय वैज्ञानिकों की सराहना, हौसला नहीं खोने की सलाह भी दी

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meerut

मेरठ। चंद्रयान-2 की लैंडिंग को देखने के लिए शहर में गजब का जुनून देखने को मिला। शुक्रवार शाम से ही लोग टीवी स्क्रीन से चिपककर बैठ गए थे। लोगों को उस पल का बेसब्री से इंतजार था जब लैंडर विक्रम चांद की सतह पर उतरेगा। शहर के कुछ विज्ञान क्लबों ने इसको लाइव दिखाने की व्यवस्था की थी। चंद्रशेखर विज्ञान क्लब ने इसके लिए विशेष व्यवस्था की थी। क्लब ने टीवी के माध्यम से चांद की सतह पर लाइव विक्रम लैंडिंग की शुरुआत रात 12 बजे से की। 12 बजे रात से ही क्लब के कार्यालय पर लोगों की भारी भीड़ जुटनी शुरू हो गयी थी। जुनूनी लोगों के हाथ में तिरंगा भी था। जैसे-जैसे लैंडिंग का समय नजदीक आ रहा था, धड़कन बढ़ रही थी। रात तीन बजे तक सब उत्सुकता में बैठे रहे कि कब लैंडिंग हो, लेकिन जैसे ही उसका संपर्क टूटा लोगों में मायूसी फैल गयी।

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चंद्रयान-2 के लैंडर 'विक्रम' का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया। सपंर्क तब टूटा जब लैंडर चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था। लैंडर को रात लगभग 1.38 मिनट पर चांद की सतह पर लाने की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन चांद पर नीचे की तरफ आते समय 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर जमीनी स्टेशन से इसका संपर्क टूट गया। 'विक्रम' ने 'रफ ब्रेकिंग' और 'फाइन ब्रेकिंग' चरणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया, लेकिन 'साफ्ट ब्रेकिंग' से पहले इसका संपर्क धरती पर मौजूद स्टेशन से टूट गया। इसके साथ ही वैज्ञानिकों और देश के लोगों के चेहरे पर निराशा की लकीरें छा गईं. लैंडर विक्रम से संपर्क टूट जाने से मेरठ वासियों को भी निराशा जरूर हुई, लेकिन उन्होंने भारतीय वैज्ञानिकों के इस प्रयास की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रयास फिर होगा तो सफलता जरूर मिलेगी। हौसला न खोयें।