
'तितली' ने यहां दिल की धड़कन पर बरपाया कहर, एक ही दिन में कर्इ गुना मरीज भर्ती होने पर चिकित्सक भी हैरत में
मेरठ। मेरठ में गुरुवार को साइक्लोन 'तितली' के कहर से शास्त्रीनगर निवासी हार्ट पेंशेट रामअवतार की आट्री की मसल्स (मांशपेशियां) सिकुड़ गईं और उन्हें फिर से दिल का दौरा पड़ गया। परिजनों ने मेरठ के मेट्रो अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया। वहां पर चिकित्सकों ने तुरंत उनकी एंजियोप्लास्टी करने की सलाह दे दी। मेरठ में 'तितली' के कहर से दिल और सांस के मरीजों पर भी जबरदस्त पड़ा। अकेले मेट्रो अस्पताल में ही दिल के करीब 17 मरीज गंभीर हालात में भर्ती कराए गए। हदय रोग विशेषज्ञ डा. संजीव सक्सेना ने बताया कि जिस तरह अचानक मौसम में परिवर्तन हुआ, इसमें किसी को कुछ सोचने का समय नहीं मिला। जब तक कि कोई कुछ सोच पाता तब तक मरीज अस्पताल पहुंच चुका था। चिकित्सक भी हैरान है मौसम के इस अचानक बदलाव से। उन्होंने बताया कि आने वाले मरीजों में तीन हार्ट अटैक के भी मरीज आए हैं। जिन्हें ठंड लगी और उसके बाद उन्हें अटैक पड़ गया। इसकी बड़ी वजह अचानक से तापमान का गिरना और उसका असर मानव शरीर पर पड़ना है। उन्होंने बताया कि दरअसल, हार्ट में खून की नलियों की मसल्स में तीन सतह होती हैं। बाहरी, मध्य और भीतरी। अगर अचानक से तापमान में तेजी से गिरावट हो तो बीच की मसल्स सिकुड़ती है। इससे हार्ट में खून की सप्लाई और कम हो जाती है और मरीज को दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। दिल के मरीजों की श्वास फूलने लगती है।
अचानक गिरे तापमान से बीपी भी बढ़ा
'तितली' ने बारिश आैर आेले पड़ने के बाद मौसम में ऐसा परिवर्तन किया कि ठंड के कारण ब्लड प्रेशर के मरीजों में भी वृद्धि देखी गई। चिकित्सकों की दुकानों पर शाम के समय बीपी के मरीजों की भीड़ देखी गई। जिन्हें चिकित्सकों ने अचानक से मौसम में परिवर्तन से बचने की सलाह दी। डा. संजीव खरे के अनुसार बाहर का तापमान कम रहता है जबकि शरीर का भीतरी टेम्प्रेचर 37 डिग्री बनाए रखना होता है। ऐसे में हार्ट को ज्यादा काम करना पड़ता है। इससे बीपी ज्यादा हो जाता है और हार्ट अटैक का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है।
एक ही दिन में तीन गुना हुए मरीज
सुशीला जसवंत राय हार्ट सुपर स्पेश्यलिटी हाॅस्पिटल के हृदय रोग विशेषज्ञ डा. राजीव अग्रवाल के अनुसार पहले हार्ट की गंभीर बीमारियों के 2-3 मरीज हर दिन आ रहे थे, लेकिन गुरूवार को अचानक से मौसम में परिवर्तन और ठंड के कारण हार्ट के करीब 10 मरीज आ गए। आईसीसीयू में पहले जहां दो मरीज थे। गुरूवार को आईसीसीयू में 5 मरीज भरती किए गए।
इनका कहना है
ठंड बढ़ने से 50 फीसदी से भी ज्यादा मरीज बढ़ गए हैं। ऐसे में मौसम में दिल के मरीजों को विशेष सावधानी रखनी चाहिए। श्वांस रोग विशेषज्ञ डा. संजीव खरे के अनुसार अस्थमा और ब्रांकाइटिस के भी मरीजों की संख्या गुरूवार को अचानक से बढ़ गई। पहले हर हफ्ते 15-20 मरीज ही आते थे, लेकिन गुरूवार को दोपहर उन्होंने करीब तीस मरीजों का चेकअप किया। उन्होंने बताया कि वातावरण में ऑक्सीजन की कमी और ह्यूमिडिटी ज्यादा होने के कारण ये बीमारियां बढ़ी हैं।
Published on:
12 Oct 2018 11:40 am
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