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चंद्र ग्रहण 2018: इस ग्रह से संयुक्त खगोलीय घटना की वजह से आ सकता है भूकंप, खगाोलीय वैज्ञानिकों ने जतार्इ संभावना

चंद्र ग्रहण के दौरान यह ग्रह भी छोड़ेगा विशेष प्रभाव

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meerut

चंद्र ग्रहण 2018: इस ग्रह से संयुक्त खगोलीय घटना की वजह से आ सकता है भूकंप, खगाोलीय वैज्ञानिकों ने जतार्इ संभावना

मेरठ। इस चंद्रग्रहण के दिन 27 जुलाई को रात के समय आकाश में एक अन्य लाल रंग का चमकता हुआ पिंड मंगल भी अपना विशेष प्रभाव छोड़ने जा रहा है। इस समय मंगल ग्रह सूर्य के लगभग विपरीत दिशा में होगा और इसलिए यह ग्रह पृथ्वी के करीब होगा। उस दौरान लाल ग्रह मंगल और लाल रंग का चंद्रमा रात के आकाश में चकाचौंध पैदा करेंगे। अंतरिक्ष का यह खगोलीय नजारा अदभुत होगा।

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इस खगोलीय घटना पर इनकी नजर

वरिष्ठ खगोलविद् डा. कंचन सिंह का कहना है कि सदी के सबसे लंबे इस चंद्रगहण को लेकर खगोल विशेषज्ञों समेत ज्योतिषियों और विज्ञान में रुचि रखने वाले सभी लोगों को काफी उत्सुकता है। उनका कहना है कि मंगल ग्रह इस समय पृथ्वी के अधिक निकट आ जाएगा। जिससे यह नंगी आंखों से भी स्पष्ट देखा जा सकेगा। मंगल ग्रह के पृथ्वी पर अधिक नजदीक आने की यह खगोलीय घटना सदी में पहली बार हो रही है। जिससे यह कौतुहल का विषय है। उन्होंने बताया कि नासा ने इसके प्रयोग और अध्ययन के लिए अंतरिक्ष और अपने परिसर में विशालकाय दूरबीन लगाई है। जिससे इस ग्रह का अध्ययन ग्रहण काल के दौरान किया जा सके। नासा से उन्हें भी इस खगोलीय घटना के अध्ययन के लिए आमंत्रण मिला है।

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मंगल ग्रह आैर चंद्र ग्रहण के कारण होगा एेसा

उन्होंने बताया कि मंगल ग्रह और चंद्र ग्रहण की संयुक्त खगोलीय घटना के कारण विश्व के किसी हिस्से में भूकंप आने की भी संभावना है, क्योकि इससे पृथ्वी के गुरूत्वकर्षण पर इसका प्रभाव पड़ेगा। यह ग्रहण रात 11:42:48 बजे शुरू होगा और 28 जुलाई की सुबह 05:00:05 बजे पर खत्म होगा। यह लगभग 103 मिनट तक रहेगा। डा. कंचन सिंह ने बताया कि एक वर्ष के भीतर होने वाले ग्रहणों में चार सूर्यग्रहण और तीन चंद्रग्रहण या फिर पांच सूर्यग्रहण और दो चंद्रग्रहण का संयोजन होता है। अगर एक वर्ष में सिर्फ दो ही ग्रहण होते हैं तो वे दोनों सूर्यग्रहण होते हैं।

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