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आर्मी कैंटीन से शराब खरीदने से पहले अब जान ले ये नए नियम

locationमेरठPublished: Sep 22, 2021 12:41:53 pm

Submitted by:

Nitish Pandey

मेरठ की सैन्य छावनी देश की बड़ी छावनियों में शुमार है। यहां पर सेना की करीब 6 यूनिट रन कैंटीन हैं। जिसमें से प्रति माह रिटायर्ड सैनिक और अधिकारी शराब और अन्य समान खरीदते हैं।

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मेरठ. शराब को लेकर अब पूर्व सैनिकों को पहले के मुकाबले अधिक जेब ढ़ीली करनी होगी। नए नियमों के तहत अब शराब पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी के प्रतिबंध के दायरे में पूर्व सैनिकों को ले लिया गया है। यानी अब पूर्व सैनिक अपने ही गृह राज्य की आर्मी कैंटीनों में शराब खरीद सकेंगे। इन नए नियमों के मुताबिक पूर्व सैनिकों केा अब साल में केवल एक माह का ही शराब का कोटा दूसरे राज्य की कैंटीन से मिलेगा। रक्षा मंत्रालय के इंटीग्रेटेड मुख्यालय ने सेवारत जवान और पूर्व सैनिकों को ग्रासरी और शराब की बिक्री के लिए भी नए नियम बनाए गए हैं।
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दूसरे राज्यों की कैंटीन से खरीदने में ये होता था लाभ

बता दे कि देश के हर प्रांत में शराब पर एक्साइज ड्यूटी अलग-अलग है। प्रदेश में एक्साइज ड्यूटी अधिक होने से यहां पर अन्य राज्यों की सेना कैंटीनों की अपेक्षा शराब अधिक महंगी है। लिहाजा पूर्व सैनिक अपने स्मार्ट सीएसडी कार्ड से दूसरे राज्यों में यूनिट रन कैंटीन से कम दर पर शराब और ग्रासरी सामान की खरीद आसानी से कर लिया करते थे। इससे उन्हें समान और शराब दोनों ही कम दामों पर मिल जाया करती थी। इससे यूनिट रन कैंटीनों में घरेलू सामान और शराब की अचानक मांग बढ़ने से हर माह इनकी बेहद कमी हो जाती थी। जिसका खामियाजा अन्य सैनिकों को उठाना पड़ता था। रन कैंटीनों में कभी—कभी तो दो सप्ताह में जरूरी चीजों की कमी हो जाती थी।
समान की उपलब्धता को देखते हुए जारी किए आदेश

सेना के इंटीग्रेटेड हेडक्वार्टर के क्वार्टर मास्टर जनरल ब्रांच ने यूनिट रन कैंटीन में सामान की उपलब्धता बनाए रखने और राज्यों की एक्साइज ड्यूटी की असमानता को देखते हुए ये नया आदेश जारी किया है। इस नए आदेश के तहत सेना से रिटायर्ड सैनिकों को घरेलू सामान व शराब की खरीद के लिए अपने गृह राज्य की यूनिट रन कैंटीन का चयन कर इसकी सूचना सैन्य स्टेशन मुख्यालय को देनी होगी।
संख्या के आधार पर मिलेगी शराब और समान की डिलीवरी

यूनिट रन कैंटीन पूर्व सैनिकों की संख्या के आधार पर सामान व शराब की डिमांड सीएसडी को भेजेंगी। अपने परिवार से मिलने या अन्य कार्य से दूसरे राज्य जाने वाले पूर्व सैनिक साल में एक माह का शराब का कोटा वहां से हासिल कर सकेंगे। यदि पूर्व सैनिक दूसरे राज्य में अपना नया पता बदलते हैं या लंबे समय में वह दूसरे राज्य में रहते हैं तो स्टेशन मुख्यालय को इसका प्रार्थना पत्र देना होगा। जिसमें उनको अपनी तय यूनिट रन कैंटीन को बदलने की अनुमति लेना होगा।
मेरठ में रहते हैं लाखों रिटायर्ड सैनिक

मेरठ की सैन्य छावनी देश की बड़ी छावनियों में शुमार है। यहां पर सेना की करीब 6 यूनिट रन कैंटीन हैं। जिसमें से प्रति माह रिटायर्ड सैनिक और अधिकारी शराब और अन्य समान खरीदते हैं। हालात इन कैंटीनों में यह हो जाते हैं कि महीने की 10 तारीख को ही सामान कैंटीन से आउट आफ आर्डर हो जाता है। लेकिन इस नए नियम से उन सैनिकों और अधिकारियों को राहत मिलेगी जो कि मेरठ में तैनात रहते हैं और उनको कैंटीन से सामान नहीं मिल पाता है।
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