scriptबहू की जान बचाने को ससुर ने किया ऐसा काम जो बनी समाज के लिए मिसाल, पिता भी नहीं भूला रिश्तों की अहमियत | Fatherinlaw sold house to save daughter-in-law's life,father give kidn | Patrika News

बहू की जान बचाने को ससुर ने किया ऐसा काम जो बनी समाज के लिए मिसाल, पिता भी नहीं भूला रिश्तों की अहमियत

locationमेरठPublished: Dec 02, 2021 10:08:20 am

Submitted by:

Kamta Tripathi

रिश्ता सास—बहू का हो या फिर बहू—ससुर का। आज के समाज को देखते हुए इन रिश्तों की अहमियत लोग भूल चुके हैं। लेकिन एक ससुर ने अपनी बहू की जान बचाने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगाकर रिश्तों की इस अहमियत का अहसास समाज को करा दिया। जहां ससुर ने बहू की जान बचाने के लिए अपने खून पसीने से बनाए मकान को बेच दिया। वहीं बाप ने भी अपना फर्ज निभाया और बेटी की जान बचाने के लिए किडनी दान कर दी।

बहू की जान बचाने को ससुर ने किया ऐसा काम जो बनी समाज के लिए मिसाल, पिता  भी नहीं भूला रिश्तों की अहमियत

बहू की जान बचाने को ससुर ने किया ऐसा काम जो बनी समाज के लिए मिसाल, पिता भी नहीं भूला रिश्तों की अहमियत

मेरठ। बहू काजल किडनी की बीमारी से जूझ रही है। यह बात जब ससुर जगपाल को पता चली तो वे काफी चिंतित हुए। किडनी की बीमारी के इलाज में कितना रुपया खर्च होता है यह वहीं जानता है जो कि इस दर्द से गुजरा चुका हो। बहू की किडनी खराब होने की जानकारी परिवार को लगी तो ससुराल पर जैसे पहाड़ टूट पड़ा हो। लेकिन इसके बाद भी ससुर ने हिम्मत नहीं हारी। ससुर जगपाल ने अपनी बहू की जान बचाने का फैसला किया और अपनी जीवन भर की मेहनत की कमाई से बनवाया मकान तक बेच दिया। बेटी के ससुर के त्याग को देख पिता की ममता भी जागी। बाप ने भी जिंदगी—मौत के बीच जूझती बेटी को किडनी देने का फैसला कर लिया। ससुर और पिता की मदद से अब काजल नई जिंदगी जी सकेगी। उसका किडनी प्रत्यारोपण (kidney transplant) मेरठ के अस्पताल में होगा। किडनी प्रत्यारोपण की परिवार ने सभी कागजी कार्रवाई पूरी कर ली है। बहू काजल की जान बचाने के लिए ससुर जगपाल और पिता धर्मसिंह का यह त्याग रिश्तों की अहमियत भूलते जा रहे समाज के लिए मिसाल बन गया है।
ये है मामला
थाना कंकरखेड़ा स्थित न्यू गोविंदपुरी निवासी धर्मेंद्र की शादी सहारनपुर के इंद्र कैंप कॉलोनी निवासी काजल से हुई थी। शादी के बाद काजल ने दो बेटियां को जन्म दिया। धर्मेंद्र ने बताया कि काजल सात माह की गर्भवती थी। दो माह पहले ही एक दिन अचानक काजल के पेट में तेज दर्द हुआ। चिकित्सक ने चेकअप कर जांच के लिए लिखा। जांच रिपोर्ट में पता चला कि उनकी पत्नी की दोनों किडनी खराब(
kidney failure) हो गई हैं। इस बीमारी के चलते गर्भ में ही नवजात की मौत हो गई। रिपोर्ट देख महिला चिकित्सक ने कहा कि अगर जल्द ही किडनी की बीमारी का इलाज नहीं हुआ तो पत्नी काजल भी नहीं बचेगी। पति धमेंद्र ने पत्नी काजल का इलाज शुरू किया लेकिन कुछ दिन बाद ही खर्चा देख हिम्मत टूटने लगी।
यह भी पढ़े : 93 वर्षीय दादा की अर्थी को जब पोतियों ने दिया कंधा तो हर आंख हो आई नम

अस्पताल के चिकित्सक डा0 संदीप गर्ग ने किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी। लेकिन इतना खर्च वहन करने की स्थिति में पति धर्मेंद्र नहीं था। लेकिन ससुर जगपाल ने अपनी बहू काजल के इलाज और उसकी जान बचाने के लिए अपना मकान तक बेच दिया। ससुरालियों ने किडनी डोनर की तलाश शुरू की। काफी तलाश के बाद भी कोई डोनर नहीं मिला तो पीड़ित काजल के पिता धर्म सिंह ने अपनी किडनी देकर बेटी की जान बचाने का फैसला किया। धर्म सिंह ने जिलाधिकारी सहारनपुर व संबंधित विभाग से किडनी ट्रांसप्लाट की सभी कागजी कार्यवाही पूरी करवाई।
अब उसका किडनी ट्रांसप्लांट अस्पताल में होगा और काजल को नई जिंदगी मिलेगी। इस मामले में थाना कंकरखेड़ा इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सक्सेना को भी अवगत कराया। जिसके बाद उन्होंने भी किडनी ट्रांसप्लांट संबंधी सभी कागजी कार्रवाई पूरी कर दी। परिजनों का कहना है कि किडनी प्रत्यारोपण जल्द से जल्द हो जाए जिससे काजल की जान बच सके।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो