ये है मामला
थाना कंकरखेड़ा स्थित न्यू गोविंदपुरी निवासी धर्मेंद्र की शादी सहारनपुर के इंद्र कैंप कॉलोनी निवासी काजल से हुई थी। शादी के बाद काजल ने दो बेटियां को जन्म दिया। धर्मेंद्र ने बताया कि काजल सात माह की गर्भवती थी। दो माह पहले ही एक दिन अचानक काजल के पेट में तेज दर्द हुआ। चिकित्सक ने चेकअप कर जांच के लिए लिखा। जांच रिपोर्ट में पता चला कि उनकी पत्नी की दोनों किडनी खराब(
kidney failure) हो गई हैं। इस बीमारी के चलते गर्भ में ही नवजात की मौत हो गई। रिपोर्ट देख महिला चिकित्सक ने कहा कि अगर जल्द ही किडनी की बीमारी का इलाज नहीं हुआ तो पत्नी काजल भी नहीं बचेगी। पति धमेंद्र ने पत्नी काजल का इलाज शुरू किया लेकिन कुछ दिन बाद ही खर्चा देख हिम्मत टूटने लगी।
यह भी पढ़े :
93 वर्षीय दादा की अर्थी को जब पोतियों ने दिया कंधा तो हर आंख हो आई नम अस्पताल के चिकित्सक डा0 संदीप गर्ग ने किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी। लेकिन इतना खर्च वहन करने की स्थिति में पति धर्मेंद्र नहीं था। लेकिन ससुर जगपाल ने अपनी बहू काजल के इलाज और उसकी जान बचाने के लिए अपना मकान तक बेच दिया। ससुरालियों ने किडनी डोनर की तलाश शुरू की। काफी तलाश के बाद भी कोई डोनर नहीं मिला तो पीड़ित काजल के पिता धर्म सिंह ने अपनी किडनी देकर बेटी की जान बचाने का फैसला किया। धर्म सिंह ने जिलाधिकारी सहारनपुर व संबंधित विभाग से किडनी ट्रांसप्लाट की सभी कागजी कार्यवाही पूरी करवाई।
अब उसका किडनी ट्रांसप्लांट अस्पताल में होगा और काजल को नई जिंदगी मिलेगी। इस मामले में थाना कंकरखेड़ा इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सक्सेना को भी अवगत कराया। जिसके बाद उन्होंने भी किडनी ट्रांसप्लांट संबंधी सभी कागजी कार्रवाई पूरी कर दी। परिजनों का कहना है कि किडनी प्रत्यारोपण जल्द से जल्द हो जाए जिससे काजल की जान बच सके।