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चर्चित रेड लाइट एरिया के मसले पर प्रशासन की रिपोर्ट से नाराज हुआ हाईकोर्ट, फटकार लगाकर दिए ये निर्देश

locationमेरठPublished: Apr 24, 2019 10:15:06 am

Submitted by:

sanjay sharma

हार्इकोर्ट के सामने रेडलाइट एरिया पर रिपोर्ट लेकर पेश हुए पुलिस आैर प्रशासनिक अफसर
रिपोर्ट में सीएमआे कार्यालय की रिपोर्ट के कारण अफसर नहीं दे पाए जवाब
हार्इकोर्ट ने एक दिन का समय दिया, अब फिर रिपोर्ट तैयार करने में जुटे अफसर

meerut

रेड लाइट एरिया पर प्रशासन की रिपोर्ट पर नाराज हुआ हार्इकोर्ट, अफसरों को दिए ये निर्देश

मेरठ। मेरठ के रेडलाइट एरिया को बंद करने संबंधी याचिका पर डीएम, एसपी क्राइम आैर सीएमआे हार्इकोर्ट में पेश हुए। इन अफसरों की आेर से कोर्ट में जो हलफनामा दाखिल कराया गया, उस पर हार्इकोर्ट नाराज हुआ आैर इसे दोबारा देने के लिए एक दिन का वक्त दिया है। अफसरों की आेर से हलफनामे में बताया गया कि रेडलाइट एरिया बंद कराया गया आैर अब देह व्यापार नहीं चल रहा है। इस पर हार्इकोर्ट के अधिवक्ता ने रिपोर्ट झूठी बता दी। इसके बाद हार्इकोर्ट ने अफसरों को फिर से तलब के आदेश दिए हैं।
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हार्इकोर्ट में अफसरों के बयानों का विरोध

प्रयागराज हार्इकोर्ट में अधिवक्ता सुनील चौधरी की याचिका पर न्यानमूर्ति सुधीर अग्रवाल की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवार्इ कर रही है। अधिवक्ता सुनील चौधरी ने डीएम, एसपी क्राइम आैर सीएमआे के बयानों का विरोध करते हुए कहा कि मीडिया रिपोर्ट है कि रेडलाइट एरिया में बाहर से दरवाजों पर ताला लगा दिया गया है, लेकिन भीतर लड़कियां मौजूद हैं आैर कोठे संचालित किए जा रहे हैं। अधिवक्ता सुनील चौधरी के अनुसार कोर्ट ने अफसरों के हलफनामे पर असंतोष जताते हुए बुधवार को सभी को फिर से तलब किया है आैर इस बात पर भी नाराजगी जतार्इ कि सीएमआे की रिपोर्ट पर अफसरों ने कोर्इ कार्रवार्इ नहीं की है। याचिकाकर्ता अधिवक्ता का कहना है कि प्रशासन, पुलिस आैर सीएमआे ने झूठा हलफनामा कोर्ट में पेश किया था।
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रिपोर्ट में इसकी जानकारी तक नहीं दी

अधिवक्ता सुनील चौधरी के अनुसार आरटीआर्इ व आर्इजीआरएस के अंतर्गत बताया गया था कि मेरठ सीएमआे कार्यालय से रेडलाइट एरिया में 20 हजार कंडोम वितरित किए गए हैं। छह सेक्स वर्करों को एचआर्इवी पाॅजिटिव आैर सात सेक्स वर्करों की मौत होना बताया गया। इस बारे में प्रशासन, पुलिस आैर सीएमआे ने हलफनामे में जिक्र तक नहीं किया। अफसरों से अधिवक्ता ने कर्इ सवाल किए, उनका जवाब वे नहीं दे पाए। इसलिए एक दिन का समय देते हुए कोर्ट ने इन्हें दोबारा तलब किया है।
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