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हिंडन नदी के किनारे 872 गांवों को पुर्नजीवन देने का सात जनपदों के अफसरों ने लिया संकल्प

मेरठ में 'निर्मल हिंडन' सम्मेलन, एक मर्इ से 30 जून तक चलेगा कार्यक्रम

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मेरठ। हिंडन आैर उसकी सहायक नदियों को निर्मल बनाने के उद्देश्य से सुभारती विश्वविद्यालय में हुए 'निर्मल हिंडन' सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए कमिश्नर डा. प्रभात कुमार ने कहा कि हिंडन के किनारे बसे सातों जनपदों के 872 ग्रामों में 'एक ग्राम-एक तालाब' योजना के अंतर्गत 872 तालाबों को पुर्नजीवन दिया जाएगा। यह कार्य एक मर्इ से शुरू होकर 30 जून तक चलेगा। साथ ही हिंडन के किनारे गये ग्रामों व निकायों को खुले में शौच से मुक्त कराया जाएगा तथा औद्योगिक उत्प्रवाह को रोकने के लिए लाेगों को प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पब्लिक प्राइवेट व पीपुल पार्टीसिपेशन के सहयोग से हिंडन 'निर्मल' बनेगी। इस पर आधारित वेबसाइट www.nirmalhindon.in को लांच किया गया। इस अवसर हिंडन से जुड़े सातों जनपदों के प्रशासनिक अफसर, ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव व किसान उपस्थित रहे। कार्यक्रम में सभी ने हिंडन को निर्मल बनाने का संकल्प लिया। हिंडन नदी जनपद सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत एवं गाजियाबाद से होते हुए जनपद गौतमबुद्धनगर में ग्राम मोमनाथल के समीप यमुना नदी में मिलती है, इस नदी की कुल लम्बाई 355 किमी है।

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बारिश के पानी का संरक्षण करें

सहारनपुर मंडल के कमिश्नर सीपी त्रिपाठी ने वर्षा का 70 प्रतिशत पानी समुद्र में जाकर खारा हो जाता है, इसलिए वर्षा के जल को संरक्षित करने की आवश्यता है। उन्होंने बताया कि शिवालिक पहाड़ियों से ही हिंडन के साथ-साथ हिंडन की पश्चिम दिशा से नागदेव नदी निकलती है। नागदेव नदी करीब 45 किलोमीटर की दूरी तय करने के पश्चात् सहारनपुर में ही घोघ्रेकी गांव के जंगल में आकर हिंडन नदी में मिल जाती है। जिलाधिकारी मेरठ अनिल ढींगरा ने कहा कि हिंडन नदी की प्रमुख सहायक नदी पाॅवधोई नदी है जो कि जनपद सहारनपुर में है तथा मुख्य सहायक नदी काली नदी (पश्चिमी) ,कृष्णा नदी है इसके अतिरिक्त हिंडन नदी की दो अन्य सहायक बरसाती नदियां, चाचा-रौ व नागदेव-रौ हैं।

हिंडन के किनारे 316 उद्योग

जिलाधिकारी सहारनपुर पीके पाण्डेय ने बताया कि हिंडन व उसकी सहायक नदी के किनारों पर उद्योग स्थापित हैं, जिसमें 14 चीनी मिलें, 8 डिस्टलरी, 41 पल्प एवं पेपर, 16 स्ट्रा बोर्ड, 6 स्लाटर हाउस, 5 फ्रोजन मीट पैकेजिंग, 4 डेरी, 6 चमड़ा, 105 टेक्सटाइल, एक थर्मल पावर प्लांट, 39 इलेक्ट्रो प्लेटिंग गैलवेनाइजिंग व 71 अन्य हैं। उन्होंने बताया कि हिंडन व उसकी सहायक नदियों समीप 872 ग्राम है, हिंडन नदी में नगरीय क्षेत्रों में विभिन्न स्थलों में लगभग 68 नाले गिरते हैं। पर्यावरण विशेषज्ञ डा. दिनेश कुमार ने कहा कि नदी को पुर्नजीवित करने के लिए तालाबों को पुर्नजीवित करना आवश्यक है।

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