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देश के बड़े विश्वविद्यालय के मालिक समेत सैकड़ों लोगों ने किया धर्म परिवर्तन, इसके पीछे बतार्इ ये वजह

सुभारती विश्वविद्यालय परिसर में हुआ दीक्षा कार्यक्रम, विश्वविद्यालय के मालिक, बेटे, बेटी व दामाद ने भी अपनाया दूसरा धर्म  

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meerut

देश के बड़े विश्वविद्यालय के मालिक समेत सैकड़ों लोगों ने किया धर्म परिवर्तन, इसके पीछे बतार्इ ये वजह

मेरठ। मेरठ में निजी विश्वविद्यालय के मालिक समेत सैकड़ों लोगों ने हिन्दू धर्म त्यागकर बौद्ध धर्म की दीक्षा ले ली है। बाईपास स्थिति एक निजी विश्वविद्यालय के मालिक ने अपने परिवार के साथ बौद्ध धर्म की दीक्षा ग्रहण की। दीक्षा ग्रहण कार्यक्रम विश्वविद्यालय में ही आयोजित किया गया। कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के मालिक और चिकित्सक डा. अतुल कृष्ण और उनके परिवार में बेटे, बेटी व दामाद के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने हिंदू धर्म का त्याग किया।

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सुभारती विश्वविद्यालय के मालिक ने हिन्दू धर्म त्यागा

बाईपास स्थित इस विवि के परिसर में स्थित बौद्ध उपवन में सुबह से ही मेरठ और आसपास के जिलों से सैकड़ों लोगों का आगमन शुरू हो गया। कार्यक्रम में हिंदू, मुस्लिम और अन्य कई धर्मों से ताल्लुक रखने वाले लोग अपने धर्म परिवर्तन के लिए पहुंचे। सुभारतीय विश्वविद्यालय के मालिक डा. अतुल कृष्ण ने कई महीने पहले धर्मांतरण का यह अभियान छेड़ा था। आज सैकड़ों लोगों ने बौद्ध धर्म दीक्षा कार्यक्रम में शामिल हुए और उन्होंने बौद्ध भिक्षुओं की मौजूदगी में हिंदू धर्म को त्याग दिया। सुभारती विश्वविद्यालय के मालिक डा. अतुल कृष्ण और उनके परिवार ने भी आज बौद्ध धर्म ग्रहण कर लिया। बताते चलें कि डा. अतुल कृष्ण ने हाल ही में विश्वविद्यालय परिसर में स्कूल ऑफ बुद्धिज्म स्टडी की शुरूआत की है। दुनिया की कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के मेल-मिलाप से चलने वाले इस स्कूल के लिए विदेशों से आर्थिक मदद मिलने की भी चर्चाएं जोरों पर हैं।

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'धर्मांतरण के बाद पड़ेगा सरकार पर असर'

इस आयोजन में धर्मांतरण अनुष्ठान का नेतृत्व करने वाले भिक्षु डा. चंद्रकीर्ति की मानें तो पिछले दिनों अनुसूचित जाति के दबे कुचले लोगों पर जो अत्याचार हुए यह धर्मांतरण उसी का परिणाम है। उनका मानना है कि इतनी बड़ी तादात में हिंदुओं के धर्मांतरण के बाद सरकार पर भी इसका असर पड़ेगा और सरकार सोचने को मजबूर होगी। डा. अतुल ने कहा कि आरक्षण का त्याग कर बड़े लोगों को आगे आना चाहिए। उन्हें भी बौद्ध धर्म अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा आज समाज में जो जातिवाद फैला हुआ है उसी से आहत होकर उन्होंने हिन्दू धर्म को त्यागा और बौद्ध धर्म को अपनाया है।