scriptजैन मुनि तरुण सागर जी महाराज का यूपी के इस शहर से था खास स्नेह, अन्य धर्मों के लोग भी आते थे उनके प्रवचन सुनने | Jain Muni Tarun Sagar ji pravachan hear others religious people also | Patrika News

जैन मुनि तरुण सागर जी महाराज का यूपी के इस शहर से था खास स्नेह, अन्य धर्मों के लोग भी आते थे उनके प्रवचन सुनने

locationमेरठPublished: Sep 01, 2018 05:55:45 pm

Submitted by:

sanjay sharma

जैन मुनि तरुण सागर जी महाराज यहां कर्इ बार आए, उनके प्रवचन सुनने उमड़ती थी भीड़

meerut

जैन मुनि तरुण सागर जी महाराज का यूपी के इस शहर से था खास स्नेह, अन्य धर्मों के लोग भी आते थे उनके प्रवचन सुनने

मेरठ। जैन धर्म के प्रसिद्ध क्रांतिकारी राष्ट्रीय मुनि श्री 108 श्री तरूण सागर जी महाराज का मेरठ से काफी लगाव रहा था। वह मेरठ में समय-समय पर आया करते थे। मेरठ में श्री मुनि का कई बार आगमन हुआ। मुनि श्री के सानिध्य में ऐतिहासिक महावीर जयंती समूहिक रूप से मनाई गई थी। इसके अलावा डी ब्लाक शास्त्री नगर में जैन मूर्ति का शिलान्यास मुनि श्री के हाथों 2016 में हुआ था। इसके बाद मुनि श्री का जन्मदिन भी 2016 में शर्मा मेमोरियल स्मारक मैदान में मनाया गया था। 2017 में तरूण सागर महाराज ने मेरठ में विहार करते हुए एक दिन का रात्रि प्रवास भी किया था। 2017 में ही उन्होंने एक दिनी आहार चर्या भी मेरठ के जैनिथ पैलेस में की थी। जिसमें जैन समाज के हजारों लोगों ने भाग लिया था।
यह भी पढ़ेंः जैन मुनि तरुण सागर जी महाराज का निधन, यहां दी जाएगी समाधि

दूसरे धर्म के लोग भी सुनने आते थे प्रवचन

तरुण सागर जी महाराज के प्रवचनों को सुनने के लिए उस दौरान जैन समाज के लोग ही नहीं बल्कि दूसरे अन्य समाज के लोग भी पहुंचे थे। वे हिन्दू समाज के लोगों को भी प्रिय थे। हिन्दू समाज के लोगों को उनके प्रवचन प्रिय थे। दिगंबर मुनि क्या होते हैं मेरठ के जैन समाज ने पहली बार तरुण सागर जी महाराज के माध्यम से जाना। उन्हें हर धर्म की बारीकियां और अच्छाइयां कंठस्थ थी। मेरठ में तरुण सागर महाराज के नाम से मंदिर बनवाया गया था और यहां पर मेरठ तरुण क्रांति मंच की स्थापना की गई थी। महाराज के देवालोक गमन पर तरुण क्रांति मंच के सभी सदस्य मुरादनगर के लिए रवाना हो गए।
मेरठ के लोगों ने गालियां आैर गोलियां खायी

जैन समाज के अरूण कुमार जैन ने रहस्योदघाटन किया कि तरुण सागर महाराज कहा करते थे मेरठ क्रांति की भूमि है और यहां के लोगों ने अंग्रेजों की गालियाें और गोलियों को खाया है तो ये लोग कड़वे प्रवचन के भी खूब शौकीन हैं। यही कारण था कि जैन मुनि प्रवचन के लिए मेरठ समय-समय पर आते रहे और अपना एक मंदिर भी मेरठ में बनवाया था।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो