scriptKanwar Yatra 2019: खुद तैयार करते हैं एेसी मनमोहक कांवड़, फिर भोलेनाथ का करते हैं जलाभिषेक, देखें वीडियो | Kanwariye self made Kanwar for Shivratri in Meerut | Patrika News

Kanwar Yatra 2019: खुद तैयार करते हैं एेसी मनमोहक कांवड़, फिर भोलेनाथ का करते हैं जलाभिषेक, देखें वीडियो

locationमेरठPublished: Jul 20, 2019 10:29:51 pm

Submitted by:

sanjay sharma

खास बातें

मेरठ के सदर क्षेत्र के युवक पिछले पांच साल से ला रहे हैं कांवड़
कांवड़ खुद हाथ से बनाते हैं कांवड़, इन सामानों का करते हैं प्रयोग
फिर कांवड़ लाने के लिए फिर जुट गर्इ है शिवभक्तों की यह टोली

meerut

Kanwar Yatra 2019: खुद तैयार करते हैं एेसी मनमोहक कांवड़, फिर भोलेनाथ का करते हैं जलाभिषेक, देखें वीडियो

मेरठ। मेरठ के सदर क्षेत्र के युवक पिछले पांच साल से लगातार कावड़ (Kanwar) लेकर आ रहे है। इनकी विशेषता है कि ये युवक कावड़ खुद अपने हाथों से बनाते है। इन युवकों के हाथों की बनी कावड़ देखकर आप भी दंग रह जाएंगे। नीरज और उनके दोस्तों की टोली पांच वर्षों से अपने हाथ से बनी कांवड़ के साथ यात्रा करते हैं। कांवड़ बनाने के लिए वह घर के सामान का प्रयोग करते है। यहां से जाने के बाद वे सबसे पहले नीलकंठ महादेव (Neelkanth Mahadev) के दर्शन करने के बाद वह हरिद्वार (Haridwar) पहुंचकर गंगा स्नान करते हैं और फिर कांवड़ की पूजा कर वहां से चलते हैं
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फिर कांवड़ लाने की तैयारी कर रहे

नीरज ने बताया कि वह पांच साल से अपने हाथों से बनार्इ कांवड़ लेकर जा रहे हैं। कांवड़ निर्माण करने में उन्हें शिव (Lord Shiva) की भक्ति का आनंद मिलता है। उनके परिवार वाले भी कांवड़ बनाने में सहयोग करते हैं। उनके साथ करीब 12 दोस्त चलते हैं और वे सब कांवड़ मेले (Kanwar Mela) में आकर गंगाजल लेकर जाते हैं। नीरज ने बताया कि कांवड़ बनाने का काम जल भरने से पहले ही शुरू कर दिया जाता है।
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एेसे तैयार करते हैं कांवड़

इसके लिए वह अपने साथ कांवड़ बनाने का सामान भी लाते हैं। नीरज ने बताया कि कांवड़ के लिए वह रिक्शा लेकर आते हैं। उस पर भव्य मंदिर का निर्माण कर उसमें शिव की तस्वीर को रखा जाता है। मंदिर एवं मूर्तियों का निर्माण थर्मोकॉल से किया जाता है। उन्होंने बताया कि थर्मोकाॅल हल्का होने से इसका उपयोग किया जाता है। यह बारिश में भी अच्छा रहता है। उन्होंने बताया कि वह कांवड़ लेकर 150 किलोमीटर का मार्ग पैदल तय करेंगे। कावंड़ ले जाने के साथ-साथ वह स्वच्छता के प्रति भी जागरूक हैं। वह साफ-सफाई का ध्यान रखते हैं और अन्य कांवड़ियों (Kanwariye) को भी इसके प्रति जागरूक करते हैं।
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