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शिवलिंग का जलाभिषेक करते समय इन बातों का रखें विशेष ख्याल, भोलेनाथ लगाएंगे नैया पार

सावन शिवरात्रि है नौ अगस्त की, जलाभिषेक की यह विधि बहुत लाभदायक

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meerut

शिवलिंग का जलाभिषेक करते समय इन बातों का रखें विशेष ख्याल, भोलेनाथ लगाएंगे नैया पार

मेरठ। भगवान शिव की पूजा करने का वैसे तो कोई नियम नहीं है। कहते हैं भगवान भोलेनाथ इतने सीधे हैं कि उनकी पूजा जिस भी प्रकार से की जाए उससे भगवान प्रसन्न हो जाते हैं, लेकिन अगर अभिषेक करते समय जरा सी गल्ती हो जाए तो भोलेनाथ क्रोधित भी जल्दी हो जाते हैं। इसलिए हमेशा भोलेनाथ का अभिषेक करते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

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शिवलिंग की पूजा से होते हैं कष्ट दूर

कहते है जब भी कोई व्यक्ति शिवलिंग की पूजा करता है तो उसके जीवन से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। शिवलिंग महादेव का साक्षात स्वरूप होता है। वैसे तो शिवजी की पूजा का बहुत महत्त्व होता है पर शिवजी की पूजा में रूद्राभिषेक और जलाभिषेक का अपना अलग ही विशेष महत्व दिया गया है। ज्योतिषाचार्य संगीता द्विवेदी के अनुसार हिन्दू धर्मशास्त्रों में बताया गया है की जल की धारा भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। गंगाजल से महादेव के अभिषेक की विधि सदियों पुरानी है। ऐसा माना जाता है की भगवन शिव सिर्फ जल के स्पर्श मात्र से प्रसन्न हो जाते हैं। अगर कोई व्यक्ति जल से शिवजी का अभिषेक करता है तो उसे हर दर्द हर तकलीफ से छुटकारा भी मिल जाता है।

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जलाभिषेक के समय रखें इन बातों का ध्यान

भगवान आशुतोष को जलाभिषेक करने से पहले इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले भगवान शिव का अपने मन में ध्यान करें। उसके बाद एक तांबे के लोटे में साफ जल भर ले,अब इस लोटे पर सिन्दूर से तिलक करें। 'ओम इन्द्राय नमः' का जाप करते हुए ताम्बे के लोटे पर मौली बाधें। अब पंचाक्षरी मंत्र 'ओम नमः शिवायः' का जाप करते हुए शिवजी पर गुलाब के फूलों की कुछ पंखुड़ियां चढ़ाएं, फिर सबसे आखिरी में शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। अभिषेक करते समय इस बात का ध्यान रखें कि जल की पतली धार ही शिवजी पर चढ़ाएं। शिवजी को जल चढ़ाते समय 'ओम तं त्रिलोकीनाथाय स्वाहा' मंत्र का जाप करना चाहिए। फिर देखिए आपके इतने मात्र करने से भोलेनाथ प्रसन्न होेंगे और आपके सभी कष्टाें को दूर कर देंगे।