
Punishment for 10 months 23 days for a man who hides sandal in slippers
मेरठ। मेरठ को सांप्रदायिक तनाव की आग में झोंकने वाला नईम गाजी हत्याकांड गुरुवार को फिर से सुर्खियों में आ गया। कोर्ट ने हत्याकांड के सभी आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट को आरोपियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। गुरूवार को स्पेशल जज सुनील मिश्रा की अदालत ने जब अपना फैसला सुनाया तो सभी आरोपियों के चेहरे पर मुस्कान फैल गई। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि सभी अरोपितों के खिलाफ हत्या के संदर्भ में साक्ष्य नहीं मिले। इसके कारण नईम गाजी हत्याकांड के सभी छह आरोपियों को बरी किया जाता है।
यह था पूरा मामला
बता दें कि 12 दिसंबर 2016 को हापुड़ अड्डा स्थित भगत सिंह मार्केट के प्रधान नईम गाजी की धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद इलाके में सांप्रदायिक तनाव फैल गया था। आरोप था नईम गाजी 12 दिसंबर 2016 की दोपहर जयदेवी नगर में आनंद शर्मा के मकान पर गए थे। आरोप था कि यहीं पर अभिषेक ने नईम की हत्या कर दी थी। इसके बाद शव को टुकड़ों में काटकर उन्हें एक चादर में बांधा और पल्लवपुरम थाना क्षेत्र के डोरली नाले में फेंक दिया था। कुछ समय पूर्व कत्ल के आरोपी भाजपा नेता और अभिषेक का ममेरा भाई रमाशंकर छूट गया। बताते हैं कि नईम गाजी और आनंद शर्मा प्रापर्टी के धंधे में पार्टनर थे। भगत सिंह मार्केट की 18 दुकानों को लेकर विवाद चल रहा था। जिसमें नईम गाजी तीन अपने कब्जे में कर चुका था। इसके बाद दोनों पार्टनरों में विवाद बढ़ गया था।
फैल गया था सांप्रदायिक तनाव
इस पूरे घटनाक्रम का खुलासा पुलिस ने जब किया तो क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव फैल गया था। हत्याकांड में पुलिस ने आनंद शर्मा, उनकी पत्नी सरला देवी, अभिषेक शर्मा, बेटी करिश्मा शर्मा, दामाद विशाल, रमाशंकर और दिनेश को नामजद किया। दिनेश को छोड़कर बाकी सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। आज सभी को अदालत ने हत्याकांड से बरी कर दिया। नईम हत्याकांड में आरोपियों के बरी होने के बाद से नईम के परिजनों में रोष है। उन्होंने कोर्ट के बाहर मीडिया से भी बातचीत करने से मना कर दिया।
Published on:
29 Aug 2019 04:18 pm
बड़ी खबरें
View Allमेरठ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
