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अंबेडकर जयंती पर सामूहिक धर्म परिवर्तन की चेतावनी, कहा- हमें फंसाया जा रहा

मेरठ के शोभापुर के दलितों ने दी चेतावनी, गांव में पसरा सन्नाटा, कुछ परिवारों के गांव छोड़कर जाने की चर्चा    

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मेरठ। दो अप्रैल को भारत बंद के बाद से मेरठ के शोभापुर के दलित खासे गुस्से में हैं। उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा है कि पुलिस उनका उत्पीड़न कर रही है आैर उन्हें साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। अगर यह सब नहीं रुका तो वे 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती पर सामूहिक धर्म परिवर्तन कर लेंगे। दलित के कुछ युवकों ने इस तरह की चेतावनी देते हुए कहा है कि एेसे कर्इ दलित परिवार हैं, जो अंबेडकर जयंती पर सामूहिक परिवर्तन कर लेंगे, क्योंकि उनकी कोर्इ सुनवार्इ नहीं हो रही है। एेसे में हिन्दू धर्म में रहने का क्या लाभ। इस चेतावनी के बारे में हालांकि पुलिस अफसर कोर्इ जानकारी होने से इनकार कर रहे हैं, लेकिन शोभापुर में अभी तनाव बरकरार है आैर यहां पुलिस, पीएसी आैर आरएएफ तैनात है। शोभापुर गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। चर्चा है कि यहां के कुछ परिवार गांव छोड़कर चले गए हैं।

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पुलिस आैर प्रशासन का शोभापुर में फोकस

सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के बाद दलित समाज के भारत बंद के दौरान मेरठ में काफी बवाल मचा था। दिल्ली-देहरादून हाइवे आैर इससे जुड़े इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया था। जिला प्रशासन व पुलिस का फोकस भी सबसे ज्यादा यहीं पर है। यहीं पर शोभापुर पुलिस चौकी को जलाने आैर पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया था चार अप्रैल को दलित गोपी पारिया की हत्या के बाद से पुलिस ने अपनी निगरानी आैर तेज कर दी है। दरअसल, क्षेत्र के मनोज गुर्जर ने यहां बवाल करने वाले दलितों की लिस्ट तैयार की थी, इसमें गोपी का नाम था। इसी बात पर उसका मनोज व अन्य लोगों से विवाद हुआ था। उसकी हत्या के बाद से यहां तनाव बना हुआ है। दलित समाज के लोग आक्रोशित हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें साजिश के तहत फंसाया जा रहा है आैर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है।

दलितों के पलायन की भी चर्चा

शोभापुर में चौपाल पर एकत्र हुए लोगों ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन, पुलिस व राजनीतिक पार्टियां उन्हें साजिश का शिकार बना रही हैं। इसलिए डा. भीमराव अंबेडकर जयंती पर सामूहिक धर्म परिवर्तन का निर्णय लिया है। इसमें कर्इ दलित परिवार शामिल होंगे। क्षेत्र में यह चर्चा पिछले तीन दिन से है कि दलित पुलिस कार्रवार्इ से बचने के लिए अपना घर छोड़कर इधर-उधर छिपने को मजबूर हो रहे हैं।

शोभापुर में ये आ रहे लगातार

चार अप्रैल के बाद से तनाव को देखते हुए यहां फोर्स की तैनाती के साथ-साथ प्रशासनिक अफसर भी यहां के लोगों को समझाने के लिए आ रहे हैं। इनसे भी यही शिकायत की गर्इ है कि पुलिस जांच के नाम पर उनसे ठीक से बात नहीं कर रही है आैर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है।

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