
बच्चों की जिन्दगी से यहां हो रहा खिलवाड़, इतने स्कूली बसों के चालक मिले बिना लाइसेंस आैर कर्इ कमियों के साथ
मेरठ। शहर के स्कूलों के प्रबंधन उनके यहां पढ़ने आ रहे बच्चों की जिन्दगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। उनके स्कूल में लगे जिन वाहनों से बच्चे पढ़ने आ-जा रहे हैं, उन पर वे न तो शिकंजा कस रहे हैं आैर न ही उन्हें मानक अनुसार काम करने के निर्देश दे रहे हैं। इस शैक्षिक सत्र में सरकारी व गैर सरकारी स्कूल खुल चुके हैं आैर वेस्ट यूपी के कर्इ शहरों में स्कूली वाहनों के दुर्घटनाएं होने के मामले सामने आ रहे हैं। इसमें न तो स्कूल प्रबंधन कड़ा रुख अपना रहा आैर न ही प्रशासनिक व पुलिस अफसर। अब मेरठ में 'पत्रिका' के साथ ट्रैफिक पुलिस ने स्कूली बसों व अन्य वाहनों को लेकर चेकिंग अभियान शुरू किया।
बिना लाइसेंस मिले 36 चालक
मेरठ में स्कूल आने-जाने वाले बच्चे कितने सुरक्षित हाथों में है, अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ट्रैफिक पुलिस ने स्कूल बसों आैर उनके चालकों की चेकिंग के दौरान एेसे 36 चालकों को पकड़ा है, जिनके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था। कुछ स्कूली बसों की फिटनेस को लेकर अनियमितताएं पायी गर्इ हैं, जिन्हें चेतावनी देकर पूरा करने के लिए कहा गया है।
ट्रैफिक नियमों की इन्हें जानकारी नहीं
एसपी ट्रैफिक संजीव वाजपेयी के नेतृत्व में टीम ने कर्इ स्कूलों के वाहनों की चेकिंग की। इसमें स्कूली बसों की चेकिंग की गर्इ। इनमें 36 चालकों के पास ड्राइविंग लाइसेंस था ही नहीं आैर जिनके पास था उन्हें ट्रैफिक नियमों की जानकारी नहीं थी। एेसे 35 चालकों को चेतावनी देकर छोड़ा गया। साथ ही कर्इ चालक एेसे मिले, जो बस चलाते समय सीट बेल्ट का इस्तेमाल नहीं कर रहे थे। एसपी ट्रैफिक का कहना है कि स्कूली बसों के खिलाफ अभियान रोजाना चलेगा। स्कूली वाहनों पर रखी नजर रखी जाएगी, ताकि इनको लेकर घटनाएं न हों, उसी के तहत स्कूली वाहनों की चेकिंग की जाएगी।
Published on:
07 Jul 2018 09:48 am
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