
मेरठ। डीएम ने जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को उनके दायित्वों के बारे में स्पष्ट हिदायत दी है कि किसी भी चिकित्सक या कर्मी ने मरीजों की अनेदखी की, तो वे दंड पाने के लिए तैयार रहें। उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रमों में धीमी प्रगति वाले चिकित्सकों एवं कर्मियों के प्रति गहरी नाराजगी जतार्इ आैर कड़े निर्देश दिए। डीएम ने ग्रामीण क्षेत्रों में रिक्त शेष 15 'आशा' के पदों पर भर्ती के लिए निर्देश दिए कि वह डीपीआरओ का विशेष सहयोग प्राप्त कर 15 दिन के अन्दर भर्ती प्रक्रिया शुरू करें, साथ ही उन्होंने शहरी क्षेत्र में रिक्त 297 'आशा' के पद गुणवत्ता के साथ समय से भर्ती कराने के भी निर्देश दिए।
मरीजों के साथ करें बेहतर व्यवहार
डीएम अनिल ढींगरा ने बचत भवन में स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के साथ समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि कोई भी मरीज चिकित्सकों के पास बड़े विश्वास के साथ आता है, इसलिए वह उनके विश्वास पर खरा उतरकर बेहतर चिकित्सा सेवा प्रदान करें। चिकित्सा विभाग का प्रथम दायित्व मरीजों के प्रति संवेदनशीलता एवं अपनत्व की भावना से व्यवहार एवं उपचार करना है। डीएम ने बैठक में सीएमएस जिला महिला अस्पताल को निर्देश दिए कि वह महिला मैटेनरी विंग में मरीजों के तीमारदारों व आमजन की सुविधाआें के लिए विस्तृत कार्य योजना बनाए, ताकि महिला मैटेनरी विंग को एक मॉडल के रूप में विकसित किया जा सके।
पीएमएमवीवाई के बारे में जरूर बताएं
डीएम ने निर्देश दिए कि जो भी गर्भवती महिला स्वास्थ्य केन्द्रों और प्राइवेट अस्पतालों में आती हैं, तो उन्हें प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के बारे में अवश्य बताएं, ताकि वह सरकार की इस योजना का लाभ ले सकें। उन्होंने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत प्रथम गर्भ पर महिला को आधार कार्ड, बैंक खाते के साथ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होता है जिसके उपरान्त उसे डिलीवरी तक बच्चे की देखरेख के लिए पांच हजार रुपये की सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने इस योजना के तहत स्वीकृति के लिए लम्बित प्रकरणों को दो दिन में निबटाने के भी निर्देश दिए।
Published on:
07 Mar 2018 04:35 pm
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