शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट में धनतेरस की रात मां-बाप की लापरवाही से एक मासूम बिटियां की जान पर बन आई। करीब छह माह की नन्हीं मासूम बच्ची को उसके माता-पिता कार में सोता हुआ छोड़कर खरीदारी करने चले गए। कार के दरवाजे और शीशे बंद होने के कारण कुछ देर में ही नवजात बच्ची की आंख खुल गई और वह कार के भीतर रोने लगी। आते जाते लोगों को जब कार के भीतर से बच्ची के रोने की आवाज आई तो उन्होंने पास में मौजूद पुलिस को इसकी सूचना दी। लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया। बच्ची कार के भीतर रोती रही और लोगों की भीड़ जुटती गई। सेंट्रल मार्केट में मेला लगा होने के कारण वहां पर कार नंबर से बच्ची के मां-बाप के लिए एनाउंसमेंट भी कराया गया, लेकिन फिर भी कोई नहीं आया। इतने में लोगों ने कार का शीशा तोड़कर बच्ची को बाहर निकाला। बच्ची बदहवास थी और थोड़ी देरी हो जाती तो बच्ची की जान भी जा सकती थी। करीब डेढ़ घंटे तक बच्ची कार के भीतर रोती-तड़पती रही। आखिरकार दो घंटे बाद लौटे दंपति को वहां पर मौजूद लोगों ने खूब खरी-खोटी सुनाई। मौके पर मौजूद महिलाओं ने तो मां को यहां तक कह दिया जब पालना नहीं आता तो पैदा क्यों किया। घटना की जानकारी एसपी सिटी को लगी तो उन्होंने दंपति को हिरासत में लेने के लिए कहा, लेकिन दंपति ने आइंदा ऐसी गलती न होने और माफी मांगने पर एसपी सिटी ने चेतावनी देकर जाने दिया।