
मेरठ। मुस्लिम भी चाहते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो। इस संबंध में वह लगातार बैठकें कर रहे हैं और हिन्दू-मुस्लिम भाईचारा में नफरत के बीज बोने वालों के खिलाफ नाराजगी भी जाहिर कर रहे हैं। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच महिला प्रकोष्ठ की राम मंदिर निर्माण को लेकर बैठक हुई। इसमें उन्होंने एक सुर में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का समर्थन किया।
मंदिर के विरोध में नहीं रहे
दोनों मुस्लिम संगठनों की बैठक के बाद पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया। इसमें मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य राष्ट्रीय संयोजक अफजाल, इस्लाम अब्बास के साथ मुस्लिम राष्ट्रीय मंच महिला प्रकोष्ठ की संयोजिका शाहीन परवेज उपस्थित रही। सभी ने एक सुर से राम मंदिर निर्माण का समर्थन किया। अफजाल ने कहा कि मुस्लिम कभी भी राम मंदिर के विरोध में नहीं रहे। राम मंदिर निर्माण के लिए आज भी मुस्लिमों का समर्थन हिन्दू भाइयों को है। राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपना रूख स्पष्ट कर दिया है। इस मामले में अब प्रतिदिन सुनवाई भी हो रही है। अब सब कुछ स्पष्ट हो गया है।
राम मंदिर के नाम पर हो रही राजनीति
संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा कि अब वह दिन दूर नहीं जब राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा। राम मंदिर पर राजनीतिक दलों ने हिन्दू-मुस्लिमों को बांटने का काम किया है। दोनों समुदाय के बीच दरार डालने का काम किया गया था, लेकिन दोनों ही भाईचारे और प्रेमभावना से साथ रहे। आज भी दोनों समुदाय एक हैं और राम मंदिर का निर्माण चाहते हैं।
राम मंदिर पर मुस्लिमों का रुख स्पष्ट
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच महिला प्रकोष्ठ की शाहीन परवेज ने कहा कि आज राम मंदिर के प्रति मुस्लिमों का रूख स्पष्ट है। मुस्लिम कहीं से भी राम मंदिर के विरोध में नहीं हैं। हम सभी मिलजुलकर राम मंदिर का निर्माण चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ मौकापरस्त और कट्टरवादी लोग नफरत का बीज बो रहे हैं। भाजपा सरकार ने जिस प्रकार धारा 370 को हटाकर अपने वादे को पूरा किया, उसी प्रकार अब राम मंदिर बनवाने का वादा पूरा करने का भी समय आ गया है। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
Published on:
10 Aug 2019 02:40 pm
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