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CAA के विरोध में हुई हिंसा के पीछे फंडिंग को लेकर पुलिस ने पीएफआई के सदस्यों पर कसा शिकंजा

Highlights 20 दिसंबर को शहर के लिसाड़ी गेट और हापुड़ रोड क्षेत्र में हुई थी हिंसा पीएफआई की फंडिंग के आरोप में पुलिस ने 12 लोगों को किया गिरफ्तार फंडिंग के मामले में बैंकों की रिपोर्ट आने के बाद पुलिस करेगी कड़ी कार्रवाई      

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meerut

मेरठ। मेरठ में सीएए (CAA) के विरोध में 20 दिसंबर को हुई हिंसा में पुलिस ने चरमपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के अब तक 21 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अफसरों का कहना है कि जिस तरह से पीएफआई सदस्यों की गिरफ्तारी हुई है और उनकी पहचान हो रही है। यह संभव है कि हिंसा में इनका बड़ा हाथ रहा हो। इसकी बिन्दुवार जांच की जा रही है।

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सीएए के विरोध में मेरठ में 20 दिसंबर को लिसाड़ी गेट और हापुड़ रोड क्षेत्र में भारी हिंसा हुई थी। इसमें छह युवकों की मौत हुई थी। हिंसा के दौरान पथराव, आगजनी के साथ-साथ जमकर फायरिंग भी हुई थी। पुलिस ने हिंसा के दौरान सीसीटीवी फुटेज, वीडियो क्लीपिंग के जरिए हिंसा में शामिल 148 लोगों को चिन्हित किया था। इनके पोस्टर भी लगवाए थे। हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय ने खुलासा किया कि पीएफआई ने हिंसा के लिए करोड़ों रुपये की फंडिंग की थी और 12 लोगों के बैंक खातों में करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए थे। इनमें से चार खातों में तीन करोड़ रुपये की पुष्टि हो चुकी है।

प्रवर्तन निदेशालय और एटीएस के इनपुट पर पुलिस ने शनिवार को पीएफआई से जुड़े 12 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि शांति भंग में चालान किया गया। पुलिस अफसरों का कहना है कि इनका शांति भंग में चालान करके कानूनी रूप से आरोपी बना लिया है। बैंक की रिपोर्ट आने के बाद इन्हें दोबारा हिरासत में लेकर पूछताछ की जाएगी। सभी 12 लोगों के बैंक खातों की जानकारी जुटाई जा रही है। प्रत्येक आरोपियों के पास से पांच से आठ पास बुक मिली हैं।

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एसएसपी अजय साहनी का कहना है कि पीएफआई से जुड़े लोगों के संबंध में सुरक्षा एजेंसियों से मिले इनपुट पर पुलिस गंभीरता से जांच कर रही है। पीएफआई द्वारा फंडिंग का मामला सामने आया है। बैंकों से जांच रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।