
मेरठ। लोक सभा चुनाव 2019 में उत्तर प्रदेश में हार के बाद कांग्रेस अपने कदम फूंक-फूंककर रख रही है। कांग्रेस हाईकमान ये सोचने पर मजबूर है कि राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी के प्रदेश में आने के बाद कांग्रेस की स्थिति पर फर्क क्यों नहीं आया। इसकी वजह वे मठाधीश कांग्रेसी नेता बन रहे हैं, जो सिर्फ नाम के रह गए हैं और वे काम नहीं कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो प्रियंका गांधी इन सबकी वजह तलाशने में लगी हुई हैं। इसी को लेकर पार्टी ने अंदरुनी तौर पर वेस्ट यूपी में जिला, तहसील, ब्लाॅक स्तर पर विशेष सर्वे भी कराया, जिसमें कई चैंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
जुझारू कार्यकर्ताओं को मिलेगा मौका
वेस्ट यूपी में पार्टी में सर्वे में यह सामने आया है कि पार्टी के कई-कई वर्षों से जमे मठाधीश नेताओं व कार्यकर्ताओं को पार्टी अब झेलने वाली नहीं है। गिने-चुने इन मठाधीशों की अंदरुनी राजनीति से स्थिति बिगड़ी है। पार्टी हाईकमान का मानना है कि जनपद से ब्लाॅक स्तर पर अब जुझारू और कर्मठ कार्यकर्ताओं को आगे लाया जाएगा और नए चेहरे वाली कांग्रेस सबको दिखाई देगी। विशेष सर्वे रिपोर्ट आने के बाद से प्रियंका गांधी नई टीम बनाने में जुट गई हैं। सूत्रों की मानें तो पार्टी की नीतियों पर काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्र नेताओं और जमीनी रूप से जुड़े कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाएगा। सोशल इंजिनियरिंग को अपनाकर अगड़ों, अल्पसंख्यक, दलित, पिछड़ों के संग महिलाओं को भी समायोजित करने की योजना है। आने वाले समय में यह बदलाव तय माना जा रहा है।
पार्टी में ये दिखेंगे बदलाव
पार्टी सूत्रों की मानें तो लोक सभा चुनाव में अंदरुनी उठापठक भी काफी देखने को मिली थी, जिससे कांग्रेस प्रत्याशियों को काफी नुकसान पहुंचा। सर्वे में यह साफ हुआ है कि कई वर्षों से जमे बुजुर्ग नेताओं के बीच खींचतान से ये स्थिति उभरी है, उन्होंने एकजुट होकर पार्टी के लिए काम नहीं किया। माना जा रहा है कि प्रियंका की टीम में दलित, पिछड़ों और महिलाओं की भी अहम भूमिका होगी।
Published on:
08 Sept 2019 05:36 pm
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