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यूपी में इस हाईवे के बनने के बाद यह एरिया हो जाएगा हाईटेक

खेकड़ा विधानसभा के गांवों को गाजियाबाद में शामिल कराने के लिए शासन को भेजा प्रस्ताव  

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सचिन त्यागी/बागपत. कभी खेकड़ा विधानसभा गाजियाबाद का हिस्सा रहा था। समय के साथ विधानसभा बदली तो यहां के विकास कार्यो में ठहराव रहा। सड़क से लेकर अभी कई समस्याओं का सामना लोगों को करना पड़ रहा है। परिसीमन के बाद में गांव का भी बंटवारा हुआ था। गाजियाबाद से हटाकर खेकड़ा को बागपत में शामिल किया गया था। लेकिन एक बार फिर से खेकड़ा के परिसीमन में बदलाव की उम्मीद जगी है। खेकड़ा को गाजियाबाद में शामिल कराने की कवायद शुरू की जा रही है। 2011 और 2012 में बनाए गए प्लान का रिमांइडर एक बार फिर शासन को भेजा गया है। यदि इस पर अनुमति मिल जाती है तो खेकड़ा के 37 गांव जीडीए में शामिल होंगे। उसके बाद में इन गांवों में विकास की बयार बहेंगी।

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ईस्टर्न पेरिफेरल हाईवे के अर्तंगत एनसीआर में आने वाले गावों को गाजियाबाद विकास प्राधीकरण लेकर अपनी सीमा का विस्तार करना चाहता है। एनसीआर प्लानिग सेल ने इस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के 500 मीटर दायरे में आने वाले गांवों में सुनियोजित विकास के लिए गाजियाबाद विकास प्राधीकरण ने अपनी सीमा में शामिल करने का रिमाइंडर शासन को भेजा है। जिसमें खेकडा विधानसभा के 31 लोनी के 11 और मुरादनगर के आठ गांव शामिल है। विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की माने तो यह एरिया गाजियाबाद के नजदीक और सटा हुआ है। इन एरिया में प्राधिकरण अपना नियंत्रण करना चाहता है। दरअसल में यहां अंधाधुध और अनियोजित विकास हो रहा है। जिसकी वजह से कई तरह की समस्याएं खड़ी हो सकती है। जिसको देखते हुए एनसीआर प्लानिंग सेल ने एक प्रस्ताव शासन और जीडीए को भेजा था जिसमें कहा गया कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे से सटे गांवों को जीडीए की सीमा में शामिल किया जाना जरूरी है। ताकि इस एरिया में विकास किया जा सके।

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सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री डा. सत्यपाल सिंह का कहना है कि यह सब स्मार्ट सिटी बनाने का हिस्सा हैं। उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी की तर्ज पर डिवलेेप करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय शहरी विकास मंत्री से मुलाकात कर अपना प्रस्ताव रखा था। शहरी विकास मंत्रालय तथा एनसीआर प्लानिंग बोर्ड ने गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से कहा है कि वह ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के किनारे बसे गांवों को अपने दायरे में ले। ताकि जिले के बड़े भू-भाग का सुनियोजित विकास हो सके।

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