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सावन में 20 साल बाद बन रहा यह दुर्लभ संयोग, इस महीने शिव की भक्ति करेंगे एेसे तो मिलेगा मनोवांछित फल

भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना है सावन का, थोड़ी सी पूजा  

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meerut

सावन में 20 साल बाद बन रहा यह दुर्लभ संयोग, इस महीने शिव की भक्ति करेंगे एेसे तो मिलेगा मनोवांछित फल

मेरठ। सदी के सबसे लंबी अवधि के चंद्र ग्रहण पड़ने के नौ घंटे बाद देवों के देव महादेव का प्रिय महीना सावन लगने वाला है। इस बार सावन महीना शनिवार 28 जुलाई से लग रहा है। सावन लगते ही भोलेनाथ की पूजा पूरे एक माह चलेगी। इस महीने में भोलेनाथ की पूजा का अपना ही अलग महत्व होता है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार इस महीने भोलेनाथ की पूजा करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।

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अधिमास के कारण 30 दिन का होगा सावन

पंडित कैलाश नाथ द्विवेदी के अनुसार इस वर्ष सावन के महीने का विशेष महत्व है, क्योंकि 20 वर्ष बाद ऐसा दुर्लभ संयोग बन रहा है। दो जेठ यानी अधिमास होने के कारण सावन पूरे तीस दिन का होगा। सावन का पहला सोमवार 30 जुलाई, छह जुलाई, 13 जुलाई और 20 अगस्त को पड़ेगा।

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सावन के सोमवार को व्रत का विशेष महत्व

हिन्दू धर्म में सावन या श्रावण महीने का खास महत्व है। इस महीने में भगवान शंकर की पूजा की जाती है. मान्यता है कि सावन के महीने में सोमवार को व्रत रखने और भगवान शंकर की पूजा करने वाले जातक को मनवांछित फल प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है। विवाहिता स्त्री यदि सावन महीने का सोमवार व्रत रखती हैं तो उन्हें भगवान शंकर सौभाग्य का वरदान देते हैं।

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रूद्राभिषेक से पद, धन की प्राप्ति

सावन के महीने में रुद्राभिषेक करने का अपना विशेष महत्व होता है। इस महीने में रूद्राभिषेक करने से पद, प्रतिष्ठा, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। जो लोग रुद्राभिषेक नहीं करा सकते है, वे 'ऊं नमः शिवाय' मंत्र का जाप करते हुए स्वयं जलाभिषेक करें या दूध, दही, घृत, शहद, चन्दन, चन्दन, बेलपत्र, गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करें।