मेरठ। उत्तर प्रदेश चुनाव के मद्देनजर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कर्मस्थली रहे ऐतिहासिक त्यागी ब्राह्मण छात्रावास मेरठ में राष्ट्रवादी ब्राह्मण मंच ने बैठक का आयोजन किया। बैठक के दौरान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभिमन्यु त्यागी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के लिए गांधी परिवार की करीबी और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री का प्रत्याशी घोषित कर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। शीला दीक्षित ने दिल्ली का विकास किया और विश्व के सुन्दर शहरों में शुमार कराया।
सर्वे में ये मिल रही सीटें
उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस पार्टी ने यूपी विधानसभा चुनाव के लिए शीला दीक्षित को उम्मीदवार घोषित किया था तो 36 बिरादरियां उम्मीद कर रही थीं की यूपी में भी दिल्ली की तरह महिला सम्मान, कानून व्यवस्था, विकास, आदि की सुविधा जनमानस को मिलेगी और यूपी में रोजगार बढ़ेगा व उन्नत यूपी होगा। यूपी का प्रबुद्ध समाज इसलिए शीला दीक्षित को सीएम बनते हुए देखना चाहने लगा था। शीला के सीएम उम्मीदवार बनने से पहले यूपी चुनाव के सर्वे में 15-20 विधानसभा सीट देती थी, वहीं शीला दीक्षित को सीएम उम्मीदवार बनाये जाने के बाद सीटों का आंकड़ा 75-80 सीट तक पहुंचा।
गठबंधन का होगा विरोध
अभिमन्यू ने कहा कि आज वही मीडिया एजेंसी गठबंधन ना करने पर कांग्रेस को 15-20 सीटें दिखा रही हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि जनता विकास चाहती है और शीला पर उनको भरोसा है लेकिन गठबंधन न होने पर कांग्रेस और शीला जनता से दूर हो रही हैं। उन्होंने मांग की कि यूपी में कांग्रेस का मुख्यमंत्री चेहरा सिर्फ आदरणीय शीला दीक्षित हों और गठबंधन के बाद भी चेहरा शीला दीक्षित का ही रहे। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस को चुनाव से पहले गठबंधन ही करना था तो शीला दीक्षित को यूपी में कांग्रेस का चेहरा घोषित ही नहीं करना चाहिए था। ब्राह्मण समाज देश और प्रदेश का विकास चाहता है और चुनाव पूर्व किसी भी तरह के गठबंधन पर अपना विरोध दर्ज कराता है।
ये रहे मौजूद
बैठक के दौरान नवीन शर्मा, श्रीकांत त्यागी, गौरव त्यागी, शैंकी त्यागी, अश्वनी शर्मा, अरुण कौशिक, तपन भारद्वाज, शशिकांत गौतम, नितिन त्यागी, रोहन त्यागी, शुभम त्यागी, विवेक कौशिक, माणिक दीक्षित, आशीष त्यागी, आशु त्यागी, संजीव शर्मा आदि ने शीला दीक्षित को सीएम उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ाए जाने की मांग की।