
मेरठ। घर में बेटा होने की मुराद पूरी होने के बाद मेरठ के पल्लवपुरम के राजेंद्र अपनी मां प्रेमवती, पत्नी संगीता आैर तीन वर्षीय बेटे हनी के साथ वैष्णो देवी गए थे। हनी के होे के बाद से परिवार ने तीन बार वैष्णो देवी जाने का प्रोग्राम बनाया था, लेकिन किन्हीं कारणों से कैंसिल होते गए। आखिरी बार भी दो दिन पहले प्रोग्राम कैंसिल हो गया था, क्योंकि कार का इंतजाम नहीं हो सका था। फिर दो दिन बाद कार का इंतजाम हुआ तो अचानक वैष्णो देवी जाने का प्रोग्राम बन गया था। वैष्णो देवी में प्रसाद चढ़ाने के बाद यह परिवार स्कार्पियो से वापस लौट रहा था। एक अन्य परिवार भी इस कार में था। सोमवार की सुबह मेरठ-करनाल हाइवे पर शामली के झिंझाना थाने के पास गांव लक्ष्मणपुरा के पास कार के ड्राइवर को झपकी लगने से कार डिवाइडर से होती हुर्इ सामने की आेर से मेरठ से जा रहे ट्रक से टकरा गर्इ थी। इस दुर्घटना में सात की मौके पर ही मौत हो गर्इ, जबकि दो की मेरठ मेडिकल कालेज में शाम को मौत हो गर्इ थी। राजेंद्र समेत तीन लोगों को गंभीर चोटें आयी हैं, उनकी हालत अभी भी खतरे से बाहर नहीं है।
तीन साल का हो गया था हनी
मेडिकल कालेज में भर्ती राजेंद्र के भार्इ-भाभी ने बताया कि राजेंद्र ने बेटा होने की मुराद पूरी होने के बाद वैष्णो देवी मंदिर में प्रसाद चढ़ाने का प्रोग्राम बनाया था। पहले भी प्रोग्राम कैंसिल हो रहे थे। हनी तीन साल का होने पर प्रसाद चढ़ाने के लिए गए थे। राजेंद्र के साथ मां प्रेमवती, पत्नी संगीता व हनी प्रसाद चढ़ाकर लौट रहे थे। हादसे वाले दिन उनके पास झिंझाना थाने से इसकी सूचना मिली थी। राजेंद्र को छोड़कर तीनों सदस्यों की मौत हो गर्इ। राजेंद्र दिल्ली में प्राइवेट कंपनी में जाॅब करता है। इसकी सूचना पल्लवपुरम फेस टू स्थित घर पर मिलने के बाद यहां मातम छा गया।
Published on:
11 Apr 2018 12:40 pm
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