
मेरठ. शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी के खिलाफ रविवार को विरोध की आवाज पश्चिम उत्तर प्रदेश में पहली बार मेरठ से उठी। शिया-सुन्नी दोनों समुदाय की संयुक्त बैठक में वसीम को चेयरमैन के पद से हटाने की मांग की गई। मांग की गई वसीम को पद से हटाकर उसके ऊपर मुकदमा चलाया जाए। वे मुस्लिमों के खिलाफ बोल रहे हैं। वसीम को मुसलमानों का दुश्मन और आरएसएस का एजेंट बताया। जैदीनगर में आयोजित हुई कांफ्रेंस में वसीम रिजवी के बयानों की निंदा की गई। इस दौरान उनका सामाजिक बहिष्कार किया गया।
जैदी नगर सोसाएटी स्थित इमामबारगाह में रविवार शाम इत्तेहाद-ए-मिल्लत कमेटी की जानिब से इत्तेहाद-ए-मिल्लत कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता ईरान से आए मौलाना सैयद सिब्ते हैदर जैदी (खतीब-ए-हरम हजरत इमाम अली मशहदे मुकद्दस ईरान) ने की। मुख्य अतिथि शहर काजी प्रोफेसर जैनुल आबिदीन तथा नायब शहर काजी जैनुल राशिदीन रहे। कांफ्रेंस में मौलाना महफूज-उर- रहमान शाहीन जमाली, कारी शफीक-उर-रहमान, मुफ्ती खुर्शीद, कारी सलमान, हाजी इमरान सिद्दीकी, हाजी जीएम मुस्तफा, पार्षद अब्दुल गफ्फार, इकबाज रजा, शाने हैदर, अली गौहर, मुजीब उर रहमान सहित मुस्लिम समाज के सभी वर्गों के रहनुमा शामिल हुए। कांफ्रेंस के आयोजक मौलाना वसीम अब्बास, मौलाना अमीर आलम थे।
कांफ्रेंस में शिया-सुन्नियों ने एकसाथ रहने का निर्णय लिया। शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी को सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने, भावनाएं भड़काने और भ्रमित करने वाला बताया। वसीम के शब्दों की निंदा की गई। वसीम को चेयरमैन पद से हटाने की भी मांग की गई। इस दौरान सर्वसम्मति से वसीम को इस्लाम से खारिज किए जाने का निर्णय लिया गया और उनका सामाजिक बहिष्कार किया गया। इससे पूर्व कांफ्रेंस का आगाज तिलावत-ए-कुरआन से मौलाना शादाब हापुड़ ने किया। नात-ए-पाक मोहम्मद मेहंदी ने पढ़ी। संचालन सैयद अली हैदर रिजवी ने किया।
Published on:
09 Sept 2018 08:47 pm
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