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मुलायम सिंह यादव के बाद शिवपाल को अब इस पार्टी ने दिया बड़ा झटका

रालोद महासचिव बोले, पश्चिम में चुनाव के लिए सीट मिलने का सपना छोड़ देें शिवपाल

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मेरठ

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Iftekhar Ahmed

Sep 24, 2018

shivpal yadav

मुलायम सिंह यादव के बाद शिवपाल को अब इस पार्टी ने दिया बड़ा झटका

केपी त्रिपाठी @Patrika.com
मेरठ. नए राजनैतिक दल समाजवादी सेक्युलर मोर्चा का गठन करने के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के भाई और प्रदेश के पूर्व कद्दावर मंत्री शिवपाल यादव को 24 घंटे के भीतर दूसरा झटका लगा है। पहले बड़े भाई मुलायम सिंह यादव ने उनकी उम्मीदों के विपरीत अपने बेटे अखिलेश यादव की साइकिल रैली के समापन कार्यक्रम में दिल्ली में शिरकत की। इससे शिवपाल की उन उम्मीदों को झटका लगा, जो उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव से बडे़ भाई होने के नाते लगाई हुई थी। सेक्युलर मोर्चा बनाने के बाद से ही शिवपाल कह रहे थे कि मुलायम सिंह उनके साथ है। मुलायम सिंह सेक्युलर मोर्चा के पार्टी चिन्ह पर ही चुनाव लडे़ंगे, लेकिन मुलायम ने बेटे अखिलेश के कार्यक्रम में पहुंचकर यह जता दिया कि आखिर बेटा-बेटा ही होता है और भाई भाई होता है।

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शिवपाल को इस झटके के बाद पश्चिम उत्तर प्रदेश से 24 घंटे के भीतर एक और बड़ा झटका उस वक्त लगा, जब राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय महासचिव ने उनकी पार्टी समाजवादी सेक्यूलर मोर्चा के वजूद को ही नकार दिया है। रालोद के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. मेराजुद्दीन ने कहा कि शिवपाल की पार्टी का अभी कोई वजूद नहीं है। शिवपाल के न तो पश्चिम में समर्थक हैं और न ही उन्हें कोई उम्मीदवार ही इस क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए मिलेगा। उन्होंने कहा कि मोर्चा का अभी कोई भविष्य ही नहीं है। अभी शिवपाल को बहुत मेहनत करनी होगी। इसके बाद कहीं जाकर वे मुलायम के बराबर खड़ा हो सकते हैं। शिवपाल की पार्टी से गठबंधन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि शिवपाल महागठबंधन में आना चाहते हैं तो आए। उनका महागठबंधन में स्वागत है। लेकिन वे अभी सीट की बात करने का कोई अधिकार नहीं रखते हैं। उन्होंने कहा कि महागठबंधन की स्थिति में तो पश्चिम उप्र में शिवपाल को कोई सीट रालोद नहीं देगा। वे अपने क्षेत्र में या पूर्वी उत्तर प्रदेश में महागठबंधन को जीत का भरोसा दिलाकर एक-दो सीट हासिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम उत्तर प्रदेश में अभी सेक्युलर मोर्चा का कोई वजूद नहीं है। लिहाजा, शिवपाल यादव पश्चिम में चुनाव लड़ने का सपना छोड़ दें। उन्हें कोई सीट इस क्षेत्र से नहीं मिलने वाली है।