
लाेक सभा चुनाव के लिए सपा ने दागी उम्मीदवारों को लेकर जारी किया सर्कुलर, नहीं लड़ पाएंगे चुनाव, जानिए आैर खास बातें
मेरठ। कभी बाहुबलियों और अपराधिक पृष्ठ भूमि के नेताओं के नाम से जाने जानी वाली समाजवादी पार्टी ने अब अपना चोला बदल लिया है। अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी जैसे बाहुबलियों को टिकट देने वाली समाजवादी पार्टी ने बदलते राजनैतिक परिवेश में अपना भी दामन पाक साफ करने का फैसला कर लिया है। ऐसा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की पहल पर हो रहा है। जिन्होंने इस बाद लोकसभा चुनाव में दागी प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारने से तौबा की है। यानी जिन नेता जी की आपराधिक छवि होगी और उन पर कोई आपराधिक मुकदमा होगा वे चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।
इसके लिए बकायदा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल की ओर से बकायदा सर्कुलर जारी किया गया है। जिसमें सभी जिलाध्यक्षों को साफ किया गया है कि वे किसी ऐसे नेता की पैरवी न करें जिसके ऊपर आपराधिक मुकदमें पंजीकृत हैं। उन्होंने साफ किया है कि किसी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया जाएगा। प्रदेशाध्यक्ष के मुताबिक जिन लोगों को 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए आवेदन करना है, उन्हें पार्टी की ओर से दिए गए फार्मेट पर ही अपनी पूरी जानकारी भरनी होगी।
इसके तहत इस आवेदन के लिए बकायदा दस हजार रूपये शुल्क के तौर पर जमा कराना होगा। आवेदनकर्ता को फार्म भरते हुए यह भी बताना होगा कि उसके खिलाफ प्रदेश के किसी थाने में किसी प्रकार का कोई मुकदमा पंजीकृत नहीं है। इतना ही नहीं आवेदक को समाजवादी बुलेटिन का भी आजीवन सदस्य बनना होगा। इसके लिए भी शुल्क जमा करना होगा। आवेदक को समाजवादी पार्टी का सक्रिय सदस्य होना जरूरी है। खास बात यह है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस बार अपने पार्टी के नेताओं से आवेदन के साथ-साथ इस बात की भी जानकारी मांगी है कि कहीं उनके खिलाफ कोई आपराधिक मुकदमा तो दर्ज नही है। सपा चाहती है कि इस बार चुनाव लड़ने के इच्छुक आवेदनकर्ताओं की छवि साफ-सुथरी हों। उन पर कोई मुकदमा या गंभीर आरोप न हों। इसीलिए यह जानकारी लिखित रूप से मांगी जा रही है।
यह पहली बार हो रहा है जब लिखित रूप से किसी पार्टी की तरफ से अपराधिक मुकदमों की जानकारी मांगी जा रही है। साथ ही दस हजार रुपये की रकम जमा करने का आदेश भी पहली बार कोई पार्टी कर रही है। 'पत्रिका' ने जब समाजवादी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष नरेश उत्तम से इस बारे में बात की तो उनका कहना था कि इससे साफ सुथरी छवि के लोग आगे आएंगे। इस आदेश से चर्चा इस बात की है कि क्या वाकई समाजवादी पार्टी साफ छवि वाले उम्मीदवारों को ही आगामी चुनाव में उतारना चाहती है या फिर साफ छवि होने का सिर्फ दिखावा करना चाहती है।
Published on:
23 Jan 2019 07:00 pm
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