Mudhol Hound Dog Specialties मुधोल हाउंड नस्ल का श्वान इन दिनों चर्चा में हैं। अपनी खासियत के कारण ही इस देशी नस्ल के श्वान को मेरठ आरवीसी यानी रिमाउंट वेटरनरी कॉर्प्स में प्रशिक्षण के बाद पीएम मोदी की एसपीजी सुरक्षा दस्ते में शामिल किया गया है। अपनी खूबियों और चीते जैसी फुर्ती रखने वाले मुधोल हाउंड की खासियत है कि ये 300 मीट दूर की वाइब्रेशन को भी पकड़ कर अलर्ट जाता है। आरवीसी के ट्रेनर की माने तो इसको पालना हर किसी के बस की बात नहीं है। इसकी डाइट दो लोगों के खाने के बराबर है।
Mudhol Hound Dog Specialties मुधोल हाउंड नस्ल के श्वान मेरठ आरवीसी में प्रशिक्षण के बाद अब पीएम मोदी की सुरक्षा में लगी एसपीजी टीम का हिस्सा होंगे। मुधोल हाउंड नस्ल के श्वान की पहचान दक्षिण भारत की मुधोल रियासत के नाम से हैं। कर्नाटक के बागलकोट में मुधोल रियासत के राजाओं द्वारा ऐसे श्वानों को पाला जाता था। इनसे शिकार करने और सुरक्षा के लिए ये श्वान काफी मददगार होते थे। इनमें कई बड़ी खूबियाें के कारण ही इनकी सबसे अधिक मांग थी। आज भी ये अपनी इसी खूबियों के कारण जाने जाते हैं। बताया तो यहां तक जाता है कि मुधोल हाउंड चीते से भी अधिक फूर्तीला और तेज भागने की क्षमता रखता है। यह दूर से इंसान की गतिविधियों को भांप कर यह जान लेने की क्षमता रखता है कि सामने वाला व्यक्ति किस अवस्था में आने वाला है।
आरवीसी के ट्रेनर के मुताबिक मुधोल हाउंड को खाने में आटा या चावल, के अलावा मांस अंडा और हरी सब्जियां दी जाती है। वहीं नाश्ते में इसको दूध और डॉग बिस्किट दिया जाता था। यह सब निर्धारित मात्रा या श्वान की खाने की क्षमता के मुताबिक ही दिया जाता है। इस प्रजाति के श्वान को दिन में एक बार खाने में मांस जरूर चाहिए। बिना मांस के ये प्रजाति एक दिन भी नहीं रह सकती। इस नस्ल का श्वान की देखने की क्षमता बहुत ही तेज है।
यह श्वान 270 डिग्री तक अपनी आंखे घुमाकर देख सकता है। यह इशारा मिलते ही हमला करने में पूरी तरह से सक्षम है। लंबे पैरों के साथ अच्छी शारीरिक बनावट इसकी फुर्ती का राज है। यह हर मौसम के अनुरूप खुद को ढालने में माहिर भी है। प्रशिक्षण देने वाले विशेषज्ञों के अनुसार मैनुअल और स्पेशल गैजेट की मदद से कई तरह की वाइब्रेशन का प्रशिक्षण मुधोल हाउंड नस्ल के श्वानों को दिया गया है। ये 300 मीटर दूर की वाइब्रेशन को रिसीवर के माध्यम से कैच कर एक्शन में आ जाते हैं। विस्फोटक की तलाश और इमरजेंसी ऑपरेशन के अलावा एयरपोर्ट पर रनवे की सुरक्षा में बेहद उपयोगी हैं।