यह भी पढ़ेंः एनआर्इए की टीम की छापेमारी के बाद इस गांव के मदरसे में हुर्इ महापंचायत में मुस्लिमों ने हथियार तस्करों के खिलाफ ली ये शपथ सुमित के दोस्त बागपत निवासी अनिल ने कहा कि वारदात के समय वह मध्य प्रदेश में था। पुलिस ने उसे घर से उठाकर लूट में फर्जी ढंग से जेल भेज दिया। वह बागपत जेल में बंद रहा। अभी चार दिन पहले ही बागपत जेल से छूटकर बाहर आया है। वह इस मामले में जमानत पर छूटकर आया। वायरल हुए वीडियो में अनिल ने कहा है कि जेल से छूटने के बाद उस पर एक और शातिर बदमाश विक्की सुनहेड़ा का फोन आया। विक्की और अनिल दोनों ही बागपत जेल में एक साथ बंद थे। उस दौरान भी विक्की ने अनिल को सुमित गुर्जर मामले में गवाही देने की बात कही थी। विक्की ने अनिल को फोन कर मेरठ में तैनात सीओ जितेन्द्र सरगम का नाम लेते हुए कहा कि उन्हें उससे बात करनी है। इसके 10 मिनट बाद सीओ की व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल की। बकौल अनिल सीओ ने उस पर सुमित एनकाउंटर मामले में पुलिस के पक्ष में बयान देने और अदालत में गवाही देने का दबाव बनाया।
यह भी पढ़ेंः अगले महीने थी युवक की शादी, किन्नरों ने उसे अगवा करके किया ये काम, जिसने भी सुना होश उड़ गए उसके, देखें वीडियो सीओ ने कहा कि उसको यह बयान देना है कि एनकाउंटर के वक्त वह भी वहां मौजूद था। उसने कहा कि यह बयान नहीं देने पर सीओ जितेन्द्र सरगम ने उसको फर्जी एनकाउंटर में मारने की धमकी दी है। अब अनिल ने अपनी वीडियो वायरल कर इंसाफ की गुहार लगाई है उसका कहना है कि पुलिस वाले एनकाउंटर की साजिश रच रहे हैं। वहीं इस मामले में जब एडीजी प्रशातं कुमार से बात की गई तो उनका कहना था कि मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि आरोपी अपने बचाव के लिए झूठ बोल रहा हो।