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मेरठ के इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को लगार्इ फटकार, जनता की हुर्इ जीत

रेलवे आैर अन्य विभाग कर रहे थे मनमानी, सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश

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मेरठ के इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को लगार्इ फटकार, जनता की हुर्इ जीत

मेरठ। सरकार और उसके विभागों की मनमानी से आजिज आकर मेरठवासियों ने भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की शरण ली और लंबी लड़ाई के बाद जीत मिली। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार को तगड़ी लताड़ लगाई और याची के पक्ष में निर्णय सुनाया। मामला मेरठ के नई बस्ती लल्लापुरा साबुन गोदान निवासियों से जुड़ा हुआ है। जिन्हें रेलवे विभाग रास्ता मुहैया नहीं करा था। ज्ञात रहे इस मामले में भाजपा सरकार में ही भाजपा के सांसद भी पैरवी कर चुके थे, लेकिन उनकी पैरवी को भी रेलवे ने नजरअंदाज कर दिया था। थक कर कालोनी निवासी सरिता कर्दम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

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लोगों को रास्ता मुहैया कराने के आदेश

जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने प्रदेश सरकार को फटकार लगाई और बस्ती लल्लापुरा साबुन गोदाम निवासियों को रास्ता मुहैया कराने के आदेश जारी किए। सरिता कर्दम द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दी गई याचिका में कहा गया कि नई बस्ती लल्लापुरा साबुन गोदाम पर सभी समाज के हजारों लोग रहते हैं। यह बस्ती हापुड़ रेलवे लाइन व दिल्ली रेलवे लाइन के बीच में स्थित है। बस्ती में जाने के लिए कच्चा रास्ता है जो पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है। आरोप है कि पूर्व पार्षद कैलाश ने उक्त रास्ते पर मिट्टी डालकर ठीक कराने का प्रयास किया तो रेलवे अधिकारी उसमें रोड़ा बन गए और रास्ते को रोक दिया गया। रेलवे अधिकारियों की तानाशाही के चलते बस्तीवासियों को रोजाना उबड़-खाबड़ रास्ते से गुजरने को मजबूर होना पड़ रहा है।

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रेलवे विभाग की थी रास्ता बंद करने की तैयारी

रेलवे विभाग ने बस्ती के दोनों ओर दीवार खड़ी करने की तैयारी कर ली थी। दीवार खड़ी होने से बस्तीवासियों का शहर से लिंक ही खत्म हो जाता। इसके लिए कालोनीवासी पहले विधायक और उसके बाद सांसद के पास गए, लेकिन वहां से कोई राहत नहीं मिली। कहीं से समस्या का कोई हल होता न देख सरिता कर्दम सामने आई और उसने बस्तीवासियों की लड़ाई लड़ने का फैसला किया। अपने ही दम पर सरिता सुप्रीम कोर्ट गई और याचिका दायर की। उन्होंने याचिका में कहा कि बस्तीवासियों के लिए न तो पक्का रास्ता रेलवे लाइन के उपर से है और न ही नीचे है। ऐसे में बस्तीवासियों को अपना जीवन यापन करने के लिए बेहद कठिनाइयों से दो-चार होकर गुजरना पड़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने समाजसेविका की याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए बस्तीवासियों के लिए मलियाना फाटक से मेवला फलाई ओवर तक पक्का रास्ते के आदेश जारी किए है। इतना ही नहीं सरकार को यह भी आदेश दिए कि इस काम को पूरा कर सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया जाए।