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एप्पल मैनेजर के आरोपी को बचाने वालों पर सख्त हुई योगी सरकार, हत्यारोपी के अलावा इन पुलिसकर्मियों पर कसेगी शिकंजा

एप्पल के मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या को लेकर योगी सरकार कोई कोताही नहीं बरत रही है। किरकिरी होने के बाद में योगी सरकार आरोपी सिपाही और उसका सहयोग करने वालों पर कड़ा एक्शन लेती हुई दिखाई दे रही है।

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नोएडा. एप्पल के मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या को लेकर योगी सरकार कोई कोताही नहीं बरत रही है। किरकिरी होने के बाद में योगी सरकार आरोपी सिपाही और उसका सहयोग करने वालों पर कड़ा एक्शन लेती हुई दिखाई दे रही है। उधर, पुलिसकर्मी भी सुधरते हुए दिखाई नहीं दे रहे है। आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी के बचाव में पुलिसकर्मी उतर आए हैं।

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एक तरफ जहां पुलिसकर्मी आरोपी सिपाही के बचाव में उतरे हुए है। वहीं सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाया हुआ है। वहीं हत्यारोपी कांस्टेबल प्रशांत चौधरी की पत्नी राखी मलिक भी प्रशांत की गिरफ्तारी के बाद बौखलाई हुई है। हत्यारोपी सिपाही प्रशांत चौधरी की ओर से एफआईआर दर्ज कराने की मांग कर रही है। प्रशांत चौधरी की पत्नी भी यूपी पुलिस में सिपाही है। विवेक तिवारी की हत्या के मामले में योगी सरकार आरोपी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के संकेत दिए है। हालाकि हत्यारोपी प्रशांत चौधरी को लखनउ पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।

यूपी के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि सरकार मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाने के पक्ष में है। आरोपी सिपाही की सहायता करने वालों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने आरोपी को बचाया है। इसलिए शुरूआत में बगैर नाम के एफआईआर दर्ज लखनउ पुलिस ने की थी। एफआईआर दर्ज होने के बाद में आरोपी की डॉक्टरी होनी चाहिए थी। जांच के 8 घंटे बाद डॉक्टरी कराई गई थी। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि आरोपी सिपाही के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने बताया कि निर्दोष पर गोली चलाने का हक किसी के पास नहीं है। उन्होंने बताया कि इसी वजह से सरकार पूरे मामले को फॉस्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाना चाहती है।

पुलिस को दोषी बताते हुए कानून मंत्री ने कहा कि लापरवाही से साफ जाहिर है कि हत्यारोपी पुलिसकर्मियों को बचाने की कोशिश की गई है। सरकार की सख्ती की वजह से पहली बार केस में दो-दो एफआईआर दर्ज हुई है। उन्होंने बताया कि मुकदमा दर्ज होने के बाद में आरोपी सिपाही की वर्दी और रिवाल्वर सील होना चाहिए थी। अधिकारियों को ऐसा करने में आठ घंटे लग गए। उन्होंने कहा कि जो भी हत्यारोपी सिपाही का साथ देगा, उसके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जाएगी। वह भी उतना हीं आरोपी माना जाएगा।

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