
मेरठ. भ्रष्टाचार का आरोपी फरार इंस्पेक्टर बिजेंद्र राणा अग्रिम जमानत के लिए प्रयास कर रहा है। जबकि इसी मामले में हेडकांस्टेबल मनमोहन जेल भेजा जा चुका है। भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे निलंबित इंस्पेक्टर बिजेंद्र राणा और हेडकांस्टेबल मनमोहन के खिलाफ अब आरोप पत्र तय है। दोनों आरोपियों के खिलाफ मेरठ पुलिस ने काफी सबूत एकत्र कर लिए हैं।
पुलिस ने कोर्ट में दर्ज कराया वादी का बया
इंस्पेक्टर बिजेंद्र राणा द्वारा वादी वकार पर समझौते के लिए दबाव बनाया जा रहा था। लेकिन पुलिस ने वादी के बयान एंटी करप्शन कोर्ट में दर्ज करा दिए। जिससे कि बाद में वादी अपने बयान से न पलट सके। मेरठ के थाना बजार के इंस्पेक्टर बिजेंद्र राणा और हेडकांस्टेबल मनमोहन के खिलाफ खतौली निवासी वकार ने भ्रष्टाचार, अवैध हिरासत में रखकर मारपीट करने और जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया था।
वादी और गवाहों पर दबाव बना रहा आरोपी इंस्पेक्टर
बीते दिनों पुलिस ने हेडकांस्टेबल मनमोहन को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया था और उसे कोर्ट में पेशकर जेल भेज दिया था। हेडकांस्टेबल की गिरफ्तारी के बाद इंस्पेक्टर सीए दाखिल करने के लिए हाईकोर्ट चले गए थे। उसके बाद वापस नहीं लौटे। उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई हो चुकी है। पुलिस को सूचना मिली कि इंस्पेक्टर मुकदमे के वादी और गवाहों पर दबाव बना रहे हैं।
आरोपी इंस्पेक्टर के खिलाफ तैयार किया जाएगा चार्जशीट
विवेचक सीओ संजीव दीक्षित ने वादी वकार के 161 सीआरपीसी में बयान दर्ज किए। उसके बाद एंटी करप्शन कोर्ट में वकार के बयान दर्ज करा दिए। वकार ने कोर्ट में इंस्पेक्टर और हेडकांस्टेबल को वसूली का आरोपी बताया। वकार के कोर्ट में बयान दर्ज होने के बाद इंस्पेक्टर के खिलाफ आरोप पत्र तैयार कर लिया जाएगा। ऐसे में इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी के लिए भी टीम बनाई जाएगी।
निष्पक्ष कार्रवाई हो रही है- एसएसपी
एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि दोनों आरोपियों पर भ्रष्टाचार के मुकदमे में निष्पक्ष कार्रवाई हो रही है। मुकदमे के वादी और गवाहों के बयान कोर्ट में दर्ज हो चुके हैं। जिससे कि उस पर किसी तरह का दबाव नहीं बनाया जाए।
BY: KP Tripathi
Published on:
08 Sept 2021 01:30 pm
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