नई दिल्ली। प्रतिभा उम्र और मौके की मोहताज नहीं होती, इसका जीता जागता उदाहरण देखने को मिला तमिलनाडु के कोयंबटूर में। यहां दिव्यांग बच्चों के लिए आयोजित तीन दिवसीय कला और संस्कृति कार्यशाला में सैकड़ों नन्हे मुन्ने ने हिस्सा लिया। आम बच्चों से अगल नहीं बल्कि बेहद खास इन नौनिहालों ने जमकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इन बच्चों ने तीन दिनों तक मिट्टी के बर्तन, छाया कठपुतली, पेटिंग, डांस समेत कई प्रतियोगितओं में हिस्सा लेकर लोगों को अचंभित कर दिया।