अधिकारियों का कहना है कि जो शव मिले हैं, उन सभी के डीएनए सैंपल ले लिए गए हैं। इस तबाही में 12 गांव पूरी तरह तबाह हो गए हैं। इनमें 465 परिवार रहते थे। हालांकि, गांव में राहत और बचाव का काम तेजी से चल रहा है और प्रभावित लोगों का पुनर्वास किया जा रहा है। प्रभावित गांवों में बिजली, पानी की वैकल्पिक व्यवस्था कर दी गई है। आवागमन के लिए धौलीगंगा पर भंग्यूल, जुवाग्वाड, और रेणी गांव में तीन जगह ट्रालियां भी लगाई गई हैं।
अधिकारियों का कहना है कि अभी तक तपोवन साइट की सुरंग से 13 शव मिल चुके हैं। हालांकि, अनुमान लगाया जा रहा है कि सुरंग के मलबे में और भी लोग दबे हो सकते हैं तथा यह संख्या 25 से 35 तक हो सकती है। वैसे 180 मीटर की इस सुरंग को करीब डेढ़ सौ मीटर तक साफ कर लिया गया है। यहां मलबे और गाद की वजह से राहत कार्य में काफी दिक्कतें हो रही हैं, जिससे बचाव अभियान प्रभावित हो रहा है। सुरंग से पानी निकालने के लिए पंप लगाए गए हैं, लेकिन कई बार कीचड़ की वजह से काम रोकना पड़ रहा है।
अधिकारियों का कहना है कि करीब 20 मीटर तक मलबा भरा है और इसमें सौ से अधिक लोग दबे हो सकते हैं। मगर हम कुछ नहीं कर सकते, तब तक, जब तक कि मलबा सूख नहीं जाता और जेसीबी मशीन की मदद से उसे निकाल नहीं लिया जाता।