
चेन्नई। तमिलनाडु में शुक्रवार से 17 हजार सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। इससे सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं और मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां के डॉक्टर केंद्र सरकार में स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे डॉक्टरों के हिसाब से वेतन पाने के अलावा डॉक्टरों की संख्या में कमी और समयबद्ध पदोन्नति को लागू करने की मांग कर रहे हैं।
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) अध्यक्ष एम. के. स्टालिन ने शुक्रवार को तमिलनाडु सरकार से हड़ताली डॉक्टरों के साथ बातचीत करने और समाधान खोजने का आग्रह किया। यहां जारी एक बयान में स्टालिन ने कहा कि डॉक्टरों द्वारा लिखित में अपनी बात रखने के बावजूद सरकार ने कोई कदम नहीं उठाए हैं।
स्टालिन ने सरकारी डॉक्टरों को हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर करने के लिए मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी की निंदा भी की। तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष के नेता स्टालिन ने हड़ताली डॉक्टरों से सरकार के साथ बातचीत करने और समाधान खोजने के साथ ही हड़ताल का सहारा न लेने की अपील की। हड़ताली डॉक्टरों का कहना है कि केवल आपातकालीन स्थिति में ही मरीजों को देखा जाएगा।
Published on:
25 Oct 2019 02:42 pm
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