
रांची। झारखंड में भूख से हो रही मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। सिमडेगा और धनबाद के बाद देवघर जिले के मनोहरपुर प्रखंड में कथित रुप से भूख से एक जने की मौत हो गई। राज्य के श्रम मंत्री राज पालिवार ने पीडि़त परिजनों से मुलाकात की और बताया कि यह भूख से मौत का मामला नहीं है, क्योंकि सितंबर महीने में ही पीडि़त परिवार की ओर से जनवितरण प्रणाली की दुकान से राशन का उठाव किया गया था। वहीं मृतक के परिजनों का आरोप है कि दो महीने से उन्हें राशन नहीं मिल रहा था और 60 वर्षीय रुपलाल मरांडी के मरने के दो दिन पहले उसके घर में खाना नहीं बना था और पूरा परिवार भूखा था।
श्रममंत्री राज पालिवार ने पीडि़त परिजनों से मिलने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जरुरतमंद परिवार को समय पर अनाज मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए वे मुख्यमंत्री से भी बात करेंगे। उन्होंने मौत को दु:खद बताते हुए कहा कि सरकार सभी जरुरतमंद परिवारों को समय पर अनाज मुहैया कराने के प्रति कृतसंकल्पित है। इधर, मृतक रुपलाल की बेटी मानोदी ने मीडियाकर्मियों को बताया कि सोमवार को रुपलाल की मौत के पहले दो दिनों तक घर में चूल्हा नहीं जला था। किसी तरह आसपास के लोगों से मांग कर भोजन का जुगाड़ कर रहे थे। हालत खराब होने पर पड़ोस के सेवानिवृत्त शिक्षक नवल किशोर हेम्ब्रम के घर से लाकर रुपलाल को माड़-भात खिलाया था। बताया गया है कि राशन कार्ड में रुपलाल की बेटी मनोदी का अंगूठा अटैच था, लेकिन अंगूठा बायोमैट्रिक मशीन में मैच नहीं कर रहा था, जिस कारण राशन डीलर ने अनाज देने से इंकार कर दिया था। इससे पहले झारखंड में ही भूख से एक रिक्शा चालक की मौत हो गई थी। धनबाद के झरिया के भालगढ़ा ताराबगान इलाके में एक रिक्शा चालक की भूख से मौत हो गई थी। मृतक वैद्यनाथ दास की उम्र करीब 40 साल थी और वह बहुत गरीब था और इसे किसी भी सरकारी योजना का फायदा नहीं मिल पा रहा था। इसके परिवार का कहना है कि गरीबी और भूख से उनकी मौत हो गई।
Published on:
24 Oct 2017 02:18 pm
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