भोपाल के डीआईजी रमन सिंह ने बताया, 'सिमी के 8 आतंकी तड़के करीब दो से तीन बजे के बीच एक सुरक्षा गार्ड की हत्या करने के बाद जेल से फरार हो गए।' उन्होंने बताया कि 'द स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया' के आतंकियों ने एक सुरक्षा गार्ड की हत्या कर दी और उसके बाद वे चादरों की मदद से जेल की दीवान लांघकर वहां से फरार हो गए।
डीआईजी ने बताया कि उन्होंने पले गार्ड को घेर कर अपने कब्जे में लिया और फिर स्टील की प्लेट से उसका गला काट कर उसे मार दिया। उन्होंने बताया कि विस्तृत जानकारी अभी बाकी है। फरार आतंकियों की खोल के लिए अभियान शुरू कर दिया गया है।
मध्यप्रदेश के गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने एक टीवी चैनल को बताया कि इस पूरे मामले क्या खामियां रही हैं इसकी जांच चल रही है। भोपाल की सेंट्रल जेल से जो आतंकी भागने में कामयाब हुए हैं उनमें शेख मुजीब, माजिद खालिद, अकील खिलची, जाकिर, सलीख महबूब और अमजद शामिल हैं। फरार इन सभी सिमी के आतंकियों पर देशद्रोह का केस चल रहा था।
इन आतंकियों के फरार होने के साथ ही भोपाल सहित पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। इन आतंकियों को पकडऩे के लिए तलाशी अभियान छेड़ दिया गया है। सरकार ने इन आतंकियों के सिर पर पांच-पांच लाख रुपए के इनाम राशि की घोषणा की। इन आतंकियों पर देशद्रोह के मामले चल रहे थे। ये सभी आतंकी मध्यप्रेश और महाराष्ट्र के रहने वाले हैं।
भोपाल की सेंट्रल जेल में सिमी के करीब 30 आतंकवादी अलग-अलग सेल में बंद हैं। भागने वाले 8 आतंकवादी जेल के बी ब्लॉक में कैद थे। इन्होंने भागने की साजिश पहले ही बना रखा थी। इसके लिए ढेर सारी चादरें इकट्ठी कर रखी थीं। बैरक से निकलकर ये खुले में आए (कैसे बाहर आए इसकी जानकारी नहीं है)।
दीवाली की रात में ड्यूटी बदलते वक्त करीब 2.30 बजे इन्होंने दो आरक्षियों पर हमला किया। जिनमें एक रमाशंकर यादव की गला रेतकर हत्या कर दी। दूसरे सुरक्षा कर्मी को बांध दिया।
इसके बाद इन्होंने बी ब्लॉक के बीच की दीवार फांदी और जेल की मुख्य दीवार तक पहुंचे, जो 35 फीट ऊंची है। इस दीवार पर चढ़कर इकट्ठी की गई चादरों की रस्सी नीचे डाली और उतर गए।
इस दीवार के पार एक और दीवार थी जिसपर कटीली तार लगी हुई थी। इस दीवार में एक दरवाजा था, जिसका ताला ये खोल नहीं पाए जो इन्होंने तोडऩे की कोशिश की। कोशिश में दीवार की ईंटे ही निकल आईं और बाहर निकलकर ये सड़क पर आ गए।
क्या है सिमी?
सिमी का पूरा नाम स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया है। सिमी का गठन 1977 में हुआ था। इसका गठन 25 अप्रैल 1977 को यूपी के अलीगढ़ में हुआ। सरकार ने साल 2001 में पोटा के तहत सिमी पर प्रतिबंध लगा दिया। इस प्रतिबंध के बाद देशभर में सिमी के सबसे ज्यादा कायकर्ताओं की गिरफ्तारी मध्यप्रदेश से हुई।
खास बात ये है कि मध्यप्रदेश में जेल से आतंकियों के फरार होने की ये पहली घटना नहीं है, इनमें से कुछ आतंकी 2013 में भी खंडवा की जेल तोड़कर फरार हुए थे। जिन्हें बाद में गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि कुछ एनकाउंटर में मारे गए थे।