
Kerala Nurse Died
तिरुवनंतपुरम। देश के अंदर स्वाइन फ्लू और बर्ड फ्लू की जानलेवा बिमारियों के बाद अब एक निपाह वायरस ने देश में दस्तक दे दी है, जिसने पिछले कुछ दिनों के अंदर हाहाकार मचा दिया है। अभी तक पूरे देश में 11 लोगों की जान इस निपाह वायरस की वजह से चली गई है। इस बीच दक्षिण भारत के केरल से एक बेहद ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है। केरल में एक नर्स ने निपाह वायरस का शिकार बने एक मरीज का इलाज करने के दौरान अपनी जान गंवा दी। 31 साल की नर्स लिनी पुथुस्सेरी ने अपनी मौत से पहले एक नोट अपने पति के नाम छोड़ा है, जिसमें उन्होंने बेहद ही भावुक संदेश लिखा है।
नर्स ने अपने बच्चों को लेकर पति के लिए छोड़ा भावुक संदेश
लिनी ने नोट में लिखा, ''मैं बस जा ही रही हूं... मुझे नहीं लगता, मैं आपको देख पाऊंगी... माफ कीजिएगा... हमारे बच्चों का ध्यान रखिएगा..." लिनी ने ये बातें अपने पति को लिखे गुडबाय खत में लिखी हैं। बताया जा रहा है कि लिनी का अंतिम संस्कार भी जल्दी-जल्दी में कर दिया गया, ताकि संक्रमण को रोका जा सके। इस वजह से ना तो वो अपने परिवार को देख पाईं और ना ही उनका परिवार उन्हें देख सका।
नर्स के खत को सोशल मीडिया पर किया जा रहा है काफी शेयर
आपको बता दें कि खत में लिनी ने जिन 2 बच्चों के बारे में जिक्र किया है उनमें एक सात साल और एक दो साल की है। अपने पति को लिखे एक बेहद भावुक नोट में नर्स लिनी ने लिखा, "साजी चेट्टा, मैं बस जा ही रही हूं... मुझे नहीं लगता, मैं आपको देख पाऊंगी... माफ कीजिएगा... हमारे बच्चों का ध्यान रखिएगा... हमारा मासूम बच्चा, उसे खाड़ी देशों में ले जाइएगा... उन्हें उस तरह अकेला नहीं रहना चाहिए, जिस तरह हमारे पिता रहे... बहुत-सा प्यार ..." लिनी का यह नोट सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया जा रहा है, और पढ़ने वालों की आंखों को नम कर रहा है।
अस्पताल ने की नर्स को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस लेटर को काफी लोग शेयर कर रहे हैं और लोग लगातार नर्स को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर डॉक्टरों के एक ग्रुप के मुख्य कार्यकारी डॉ दीपू सेबिन ने लिखा, "निपाह वायरस के खिलाफ हमारी लड़ाई में नर्स लिनी की मौत हुई है, वह इस वायरस से संक्रमित मरीज़ों को बचाते हुए मरी, वो सिर्फ 31 साल की थी, और दो छोटे बच्चों की मां भी।अगर वह शहीद नहीं है, तो मैं नहीं जानता, शहीद कौन कहलाएगा..."
आखिर बार परिवार को भी नहीं देख पाई नर्स
वहीं नर्स की मौत को लेकर अस्पताल ने भी पुष्टि की है। अस्पताल की तरफ से कहा गया है कि नर्स का अंतिम संस्कार उसके परिवार की सहमति से मृत्यु के तुरंत बाद कर दिया गया था। इससे पहले निपाह वायरस की वजह से जान गंवा चुके तीनों लोग एक ही परिवार के थे - जिनमें 20-30 वर्ष की आयु के दो भाई थे तथा उनकी एक महिला रिश्तेदार शामिल थी, जो उनके साथ अस्पताल में ही थी।
Published on:
22 May 2018 04:47 pm
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