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केरल में 94 साल बाद प्रलय, 20 हजार मकान और 10 हजार किमी सड़क बर्बाद

locationनई दिल्लीPublished: Aug 13, 2018 11:26:45 am

प्रदेश के सीएम ने केरल में आई बाढ़ के बाद केंद्र से बाढ़ राहत के लिए स्पेशल पैकेज की मांग की है।

Flood

बाढ़

नई दिल्‍ली। केरल में बारिश और बाढ़ का कहर जारी है। पिछले 94 साल के इतिहास में इतनी बारिश कभी नहीं हुई और न ही इतने बड़े पैमाने पर कभी वहां के लोगों को जलप्रलय का सामना करना पड़ा। सही मायने में कहा जाए तो लगातार भीषण बारिश से केरल में प्रलय की स्थिति है। 20 हजार से अधिक मकान और 10 हजार किलोमीटर से ज्‍यादा की संड़के बर्बाद हो गई हैं। जानकारी के मुताबिक अभी तक 186 लोगों की जान जा चुकी हैं। केरल में बाढ़ से अधिकांश जिलों में भीषण तबाही की स्थिति है। सड़क और रेल संपर्क बुरी तरह से प्रभावित है।
सीएम ने राहत के लिए 1220 करोड़ की मांग की
केरल के सीएम विजयन ने केन्द्र से तत्कालिक राहत और पुनर्वास के लिए 820 करोड़ रुपए के अलावा 400 करोड़ रुपए की सहायता राशि की मांग की है। उन्होंने केन्द्र की टीम को नुकसान का जायजा लेने दोबारा भेजने की अपील की है। सीएम ने केन्द्र से चार हफ्तों के अंदर स्पेशल पैकेज दिए जाने की भी मांग की है। उन्‍होंने गृह मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा एरियल सर्वे करने और मुआवजे राशि की घोषणा पर आभार प्रकट किया है।
करीब 10 हजार करोड़ का नुकसान
शुरुआती आकलन के मुताबिक करीब 20 हजार मकान और राज्य की करीब 10 हजार किमी लंबी सड़कें पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। 8316 करोड़ के नुकसान का अंदाज लगाया जा रहा है। भारी बारिश और बाढ़ से अब तक 186 जान जा चुकी है। इससे प्रभावित करीब 10 हजार लोग राहत शिवरों में भेजे जा चुके हैा।
100 करोड़ तत्‍काल देने की घोषणा
केरल में बाढ़ से प्रभावित इलाकों को केंद्रीय गृह मंत्री से रविवार को एरियल सर्वे किया। उन्‍होंने विभिन्‍न क्षेत्रों का एरियल सर्वे करने के बाद 100 करोड़ रुपए की तत्‍काल राहत की घोषणा की है। इसके साथ ही राजनाथ सिंह ने केंद्र से हर संभव सहायता मुहैया कराने की बात सीएम विजयन की है। उन्‍होंने राज्‍य सरकार को हर स्‍तर पर सहयोग का आश्‍वासन दिया है।
14 में से 10 जिले प्रभावित
आपको बता दें कि केरल में 1924 के बाद दूसरी बार सबसे भयानक बाढ़ के दौर से गुजरना पड़ा है। उसके 14 में से 10 जिले इससे बुरी तरह प्रभावित हुए। वहीं बड़े बांधों के ज्यादातर गेट खोलने पड़ गए। जन-धन का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है।

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