
सुखबीर सिंह बादल।
नई दिल्ली। किसान आंदोलन को लेकर की गई एक टिप्पणी पर पूर्व सहयोगी पार्टी रही अकाली दल ने केंद्र सरकार को घेरा है। पार्टी के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि किसान संगठनों को खालिस्तानियों और राजनीतिक दलों की संज्ञा देकर आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश हो रही है।
उनका कहना है कि अगर कोई केंद्र सरकार से असहमत है तो उन्हें देशद्रोही कहा जा रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इस तरह की बयानबाजी करने वाले मंत्रियों को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम केंद्र सरकार के इस रवैये और ऐसे बयानों की कड़ी निंदा करते हैं। केंद्र किसानों की मांगों को सुनने की बजाय उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।
इससे पहले भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि अगर खुफिया एजेंसियों को लगता है कि कोई प्रतिबंधित लोग हम लोगों के साथ मिले हैं,तो उन्हें सलाखों के पीछे डाल दिया जाए। हमें इस तरह का कोई व्यक्ति यहां नहीं मिला।
वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर का कहना है कि किसानों को संयम रखने आवश्यकता है। किसानों को समझना चाहिए कि उनके आंदोलन से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसान आंदोलन में वामपंथियों की घुसपैठ पर तोमर का कहना है कि वे किसान संगठनों से मिले लेकिन उनमें कुछ वामपंथी भी थे। ये उन्हें बाद में पता चला। उनका कहना है कि किसान आंदोलन के गलत दिशा जा रहा है। इससे सरकार चिंतित है।
Updated on:
12 Dec 2020 03:42 pm
Published on:
12 Dec 2020 03:36 pm
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