किसानों के लिए जरूरी खबर! मोटे अनाज के एक्सपोर्ट को लेकर सरकार ने उठाया बड़ा कदम
- बाजरा और बाजरा उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए पांच साल की सापेक्ष योजना तैयार
- 2 दिसंबर 2020 को एपईडीए के अध्यक्ष की अध्यक्षता में हुई थी बैठक

नई दिल्ली। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) ने अंतर्राष्ट्रीय कृषि विकास कोष (IFAD) द्वारा आंध्र प्रदेश सूखा शमन परियोजना के साथ मिलकर बाजरा एक्सपोर्टर्स और एफपीओ को जोड़ने की तैयारियां कर रही है।APEDA ने बाजरा और बाजरा उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने के लिए वर्ष 2021 से 2026 तक की योजना बनाई है।इस संबंध में APEDA ने 2 दिसंबर 2020 को एपईडीए के अध्यक्ष की अध्यक्षता में एक बैठक भी आयोजित की थी।
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वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के मुताबिक किसान कनेक्ट पोर्टल पर जैविक बाजरा उगाने वाले समूहों, और बाजरा के निर्यातकों की पहचान होगी। इसके बाद भारतीय बाजरा को बढ़ावा देने के लिए नए संभावित अंतरराष्ट्रीय बाजारों की पहचान की जाएगी। इसके अलावा सरकार इसको बढ़ावा देने के लिए कई तरह के छूट देने की भी तैयारी कर रही है।
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बता दें बाजरा विश्व की एक मोटे अनाज वाली महत्वपूर्ण फसल है।इसकी फसल से से किसान को डबल फायदा होता है। ये अनाज के तौर पर इस्तेमाल होने क साथ-साथ पशुओं के चारे के चारे में भी काम आती है।इसके अलावा बाजरा सबसे पौष्टिक अनाज में से एक है । बाजरा आम तौर पर छोटे बीज वाली फसल हैं और इसमें सोरघम, पर्ल बाजरा, रागी, छोटा बाजरा, फॉक्सटेल बाजरा, प्रोजो बाजरा, बर्नी बाजरा, कोदो बाजरा और अन्य बाजरा शामिल हैं।ये वर्षा आधारित कृषि के लिये सबसे उपयुक्त फसल है।
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