
Assault Rifle
नई दिल्ली। भारतीय सेना को विशेष प्रकार की राइफल की तलाश है। हालांकि, नई जनरेशन की इस राइफल की तलाश सेना पहले भी कर चुकी है और इसकी तलाश फिर से शुरू कर दी गई है। पिछले दशक राइफल की तलाश में कुछ तकनीकी दिक्कतें और भ्रष्टाचार के चलते यह खोज परवान नहीं चढ़ पाई थी। हालांकि, इस दौरान यह बहस भी हुई थी कि क्या राइफल का इस्तेमाल दुश्मन को मारने के लिए की जाए या सिर्फ घायल करने में।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के अनुसार, नई राइफल का प्रोजेक्ट काफी बड़ा हो सकता है। सेना की मांग है कि एक साथ 65 हजार राइफलों की खरीद की जाए और 1 लाख 20 हजार राइफलों का निर्माण देश में ही किया जाए। 12 लाख जवानों वाली सेना के लिए यह काफी बड़ा प्रोजेक्ट माना जा रहा है।
इस प्रोजेक्ट पर करीब 1 अरब डॉलर का खर्चा आने की संभावना है। रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को रिक्वेस्ट फॉर इनफोरमेशन (आरएफआई) जारी किया जिसमें सेना की जरूरतों के हिसाब से 7.62 एमएम बटा 51 एमएम की राइफलें चाहिएं। ये 5.56 एमएम राइफलों की जगह लेंगी।
कम वजन वाली इन राइफलों की मारक क्षमता कम से कम 500 मीटर तक होनी चाहिए। जवाबी कार्रवाई में इस मारक क्षमता में तीन मिनट से ज्यादा का समय नहीं ले। साथ ही राइफल में यह भी खूबी होनी चाहिए कि वह अंडर बैरल ग्रेनेड़ लांचर में भी फिट हो जाए। यही नहीं, इसे सेना में शामिल करने के बाद कम से कम 25-30 सालों तक नई राइफल की जरूरत नहीं पड़े।
Published on:
28 Sept 2016 08:21 pm
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