
नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ( Ex Finance Minister Arun Jaitely ) अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ( AIIMS ) में भर्ती थे। उन्हें एम्स में लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था लेकिन मोदी मंत्रिमंडल गठन के तीन महीने के अंदर ही उनका निधन हो गया।
बता दें कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी ( Pm Modi ) को एक पत्र लिखकर विनम्र अनुरोध किया था उन्हें इस बार मंत्रिमंडल में शामिल न किया जाए। इसके पीछे उन्होंने तबीयत खराब होने का हवाला दिया था।
उनके निधन के बाद अब इस बात की चर्चा है कि क्या अरुण जेटली ( Ex Finance Minister Arun Jaitely ) को तीन महीने पहले इस बात का अहसास हो गया था कि अब वो इस दुनिया में ज्यादा दिनों के मेहमान नहीं हैं।
यही कारण है कि उन्होंने मंत्रिमंडल गठन से ठीक एक दिन पहले पीएम मोदी को पत्र लिखकर पीएम से मंत्रिमंडल में शामिल न करने का अनुरोध किया था।
29 मई को लिखा था खत
भाजपा के के वरिष्ठ नेता और एनडीए सरकार के पहले कार्यकाल में वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली ( Ex Finance Minister Arun Jaitely ) ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा था। अपने पत्र में उन्होंने का था कि दूसरे कार्यकाल में मंत्री नहीं बनाया जाए।
उन्होंने अपने पत्र में खराब स्वास्थ्य का जिक्र किया था। अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा है कि मेरी सेहत पिछले कुछ समय से खराब है और डॉक्टरों ने आराम करने की सलाह दी है।
मैं, यह खत विनती करते हुए लिख रहा हूं कि मैं अपने स्वास्थ्य और अपने लिए वक्त चाहता हूं। इसलिए मैं किसी भी तरह की जिम्मेदारी वर्तमान और नई सरकार में नहीं संभाल सकता हूं।
जेटली ने आगे कहा था कि पिछले 18 महीनों से मैं कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहा हूं। मेरे डॉक्टर्स ने अधिकतर बीमारियां ठीक कर दी हैं।
पत्र में उन्होंने पीएम से इस बात का जिक्र किया था कि जब प्रचार खत्म हो गया था और आप केदारनाथ के लिए निकल रहे थे तो मैंने आपको मौखिक रूप से अपनी बीमारी के बारे में बताया था।
मैंने आपको यह भी बताया था कि प्रचार के दौरान मुझे दी गई जिम्मेदारियां निभाने में तो मैं सफल रहा, मगर भविष्य् में कुछ समय के लिए जिम्मेदारी से बचना चाहूंगा।
जेटली के स्वास्थ्य को लेकर सरकार ने पेश की थी सफाई
बता दें कि पिछले कई दिनों अरुण जेटली के स्वास्थ्य को लेकर सोशल मीडिया पर अटकलें लगाई जा रही है। सोशल मीडिया पर उनको लेकर कई तरह की खबरें वायरल हुई थी। जिसके बाद सरकार ने आगे आकर सफाई दी थी।
सरकार की ओर से सफाई में कहा गया था कि मीडिया के एक तबके में केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ( Ex Finance Minister Arun Jaitely ) की स्वास्थ्य को लेकर जो खबरें चल रही हैं, वह पूरी तरह गलत और निराधार है।
इसके अलावा अरुण जेटली की बीमारी की बात करें तो वे इसी साल जनवरी में इलाज के लिए अमरीका के न्यूयॉर्क गए थे। जेटली की 14 मई, 2018 को गुर्दे की प्रत्यारोपण सर्जरी हुई थी। उनके गैरहाजिरी के दौरान पीयूष गोयल को वित्ते मंत्रालय का अतिरिक्ता कार्यभार संभाला था।
सुषमा ने भी चुनाव लड़ने से किया था इनकार
इससे पहले पूर्व केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ( Former Foreign Minister SuShma Swaraj ) ने 20 नवंबर, 2018 को लोकसभा चुनाव 2019 का लोकसभा चुनाव न लड़ने की घोषणा की थी। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विदिशा से सांसद सुषमा स्वराज ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में भाग न लेने की बात कही। उन्होंने भी स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया था।
मालूम हो कि उन्होंने अपने किडनी प्रतिरोपण के बाद स्वास्थ्य कारणों से अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है।
6 अगस्त को सुषमा का हुआ था निधन
स्वराज ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा था कि वैसे तो मेरी चुनावी उम्मीदवारी तय करने का अधिकार मेरी पार्टी को है लेकिन स्वास्थ्य कारणों से मैंने अपना मन बना लिया है कि मैं अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ूंगी।
उन्हें भी एम्स में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था लेकिन दिल का दौरान पड़ने के बाद 6 अगस्त की रात को उनका निधन हो गया था।
बता दें कि सुषमा, 2009 से ही लोकसभा में मध्य प्रदेश के विदिशा क्षेत्र की नुमाइंदगी कर रही हैं।
Updated on:
25 Aug 2019 08:47 am
Published on:
24 Aug 2019 12:43 pm
बड़ी खबरें
View Allनई दिल्ली
दिल्ली न्यूज़
ट्रेंडिंग
